Rajasthan: यह कैसा न्याय एक का आदेश अपास्त और दूसरा डेढ़ माह से चक्कर काट रहा

यह कैसा न्याय एक का आदेश अपास्त और दूसरा डेढ़ माह से चक्कर काट रहा
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Highlights

  •  पंचायतीराज राज्यमंत्री के गृह क्षेत्र में दोहरे मापदंड अपना रहे अधिकारी
  • न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना कर रहे पंचायत समिति के जिम्मेदार

सिरोही |  पंचायतराज राज्यमंत्री के गृह क्षेत्र सिरोही में इन दिनों दोहरे मापदंड चल रहे हैं। यहां तक कि न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। मामला सिरोही पंचायत समिति का है, जहां जिम्मेदारों के दोहरे मापदंड से ठेकेदार आहत हो रहे हैं। एक जैसे प्रकरणों में यहां दो फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया गया था, जिसमें से एक फर्म के ब्लैक लिस्टेड आदेश को न्याय संगत नहीं मानते हुए अपास्त कर दिया गया, जबकि दूसरी फर्म के ठेकेदार डेढ़ माह से चक्कर काट रहे हैं। राजस्थान उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले आए, लेकिन पंचायत समिति से उसे अभी तक कोई राहत नहीं मिल पाई।

टर्न ओवर मामले में किया था ब्लैक लिस्टेड
सिरोही पंचायत समिति के अधीन ग्राम पंचायतों में निर्माण सामग्री आपूर्ति के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। मनरेगा एवं अन्य विभागीय योजनाओं के तहत संचालित कार्यों के लिए संवेदकों ने टेंडर लिए थे। इनमें से सफल हो चुके दो संवेदकों को टर्न ओवर के मामले में ब्लैक लिस्टेड किया गया था।

जांच के बाद अपास्त कर दिया आदेश
विभागीय कार्रवाई के बाद एक संवेदक मै.कृष्णा कांट्रेक्टर्स ने जिला परिषद में परिवेदना लगाई। इस पर जिला परिषद सीईओ ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीईओ ने बोलीदाता की अपील को स्वीकार करते हुए सिरोही पंचायत समिति विकास अधिकारी की ओर से जारी आदेश ब्लैक लिस्टेड आदेश को न्याय संगत नहीं होने से अपास्त या रद्द किए जाने का आदेश जारी किया।

कागज चलते रहे पर राहत नहीं मिल पाई
उधर, इसी तरह के अन्य एक संवेदक करणवीर कंस्ट्रक्शन को भी टर्न ओवर मामले में ब्लैक लिस्टेड किया गया था। संवेदक ने ब्लैक लिस्टेड आदेश के विरुद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिस पर उसे स्थगन आदेश जारी किया गया। इसके बाद संवेदक के पत्र प्रस्तुत करने पर जिला परिषद सीईओ ने पंचायत समिति को आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र भेजा, लेकिन अभी तक संवेदक को राहत नहीं मिल पाई।

राहत के मामले में यह दोहरी नीति नहीं तो फिर क्या
सिरोही पंचायत समिति की ओर से गत एक अक्टूबर, 2024 को आदेश जारी करते हुए दोनों फर्म को ब्लैक लिस्टेड किया गया था। मै.कृष्णा कांटे्रक्टर्स की ओर से प्रस्तुत परिवेदना पर जिला परिषद ने 14 अक्टूबर को जांच दल गठित किया। कमेटी ने 11 नवम्बर को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिस पर 13 नवम्बर को जिला परिषद सीईओ ने ब्लैक लिस्टेड आदेश को अपास्त किए जाने का आदेश जारी किया। दूसरी ओर मै.करणवीर कंस्ट्रक्शन ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। इस पर 23 अक्टूबर को स्थगन आदेश जारी किया गया। इसके बाद जिला परिषद सीईओ ने 13 नवम्बर को सिरोही पंचायत समिति विकास अधिकारी को इस प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र भेजा।

विधि संबंधी राय ली जा रही है
ऐसा नहीं है, दोनों ही फर्म के प्रकरण अलग-अलग थे। मै.करणवीर कंस्ट्रक्शन के मामले को अभी देखा जा रहा है। इस मामले में विधि सम्बंधी राय ली जा रही है। इसके बाद ही कुछ कह सकते हैं।

- मंछाराम, विकास अधिकारी, पंचायत समिति, सिरोही

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