Jaipur | सिरोही जिले के काकेंदा गांव में एक ही परिवार के तीन बच्चों की अज्ञात बीमारी के कारण मौत हो गई है। एक सप्ताह के भीतर इस परिवार के तीन मासूमों की जान चली गई, जबकि एक बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है और वह पालनपुर में वेंटिलेटर पर है। चिकित्सा विभाग ने इस घटना की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की और टीम को भेजा।
घटना की जानकारी मिलते ही सिरोही के सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार और उनकी टीम काकेंदा गांव पहुंची। उन्होंने घटना स्थल पर जाकर परिवार के अन्य सदस्यों की स्वास्थ्य जांच की और आसपास के घरों के 40 से अधिक लोगों के रक्त के सैंपल लिए।
काकेंदा गांव के निवासी भाणाराम, जो पास में कृषि कुएं पर काम करते हैं, के परिवार में इस अज्ञात बीमारी ने कहर बरपाया है। भाणाराम की 20 साल पहले रेसुदेवी से शादी हुई थी। उनका परिवार बहुत ही गरीब है और इस कठिन घड़ी में उन्हें कई सरकारी अधिकारियों से मदद का आश्वासन मिला है।
भाणाराम की तीन बेटियाँ और एक बेटा इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं। उनकी बड़ी बेटी देवू कुमारी (13 वर्ष) को गंभीर हालत में पालनपुर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। दूसरी बेटी लक्ष्मी कुमारी (12 वर्ष) की मौत हो गई है और उसका गुरुवार को अंतिम संस्कार किया गया। तीसरी बेटी गुड़िया कुमारी (8 वर्ष) और बेटा रविंद्र कुमार (6 वर्ष) को सिरोही अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। वहीं, पांचवीं बेटी गोपाल (5 वर्ष) और छठी बेटी आशा (3 वर्ष) की भी इस बीमारी के कारण मृत्यु हो चुकी है।
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने फोन पर भाणाराम से संपर्क कर उन्हें मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा, जिला प्रमुख अर्जुन कुमार पुरोहित भी मौके पर पहुंचे और कलेक्टर तथा मंत्री ओटाराम देवासी से बातचीत की। उन्होंने पीड़ित परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत सहायता देने का वादा किया।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि टीम द्वारा लिए गए ब्लड स्लाइड्स की मलेरिया की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट शनिवार तक आ जाएगी। पालनपुर के डॉक्टरों से बातचीत में यह सामने आया है कि यह बीमारी मलेरिया के जटिल रूप से संबंधित हो सकती है। इस पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
सिरोही के काकेंदा गांव में हुई इस घटना के बाद, क्षेत्र के कई समाजसेवी और अधिकारी मौके पर पहुंचे। सिरोही प्रधान हंसमुख कुमार, सिलदर चिकित्सा अधिकारी निहाल सिंह मीणा, सरपंच प्रतिनिधि कल्याण सिंह, समाजसेवी कलाराम देवासी और उपप्रधान नारायण सिंह देवल ने पीड़ित परिवार के साथ सहानुभूति जताई और प्रशासन से उचित मदद की मांग की।
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा का बयान
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने इस घटना पर गंभीर टिप्पणी की है और सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र खींवसर को इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री को इस गंभीर लापरवाही के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इस घटना ने चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करते हैं और पीड़ित परिवार को उचित सहायता मिल पाती है या नहीं।