रेगिस्तान से दिल्ली तक: पूर्व अग्निवीर अजयपाल सिंह बने JNU में छात्र काउंसलर

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Highlights

  • किसान परिवार से निकलकर राष्ट्रीय छात्र राजनीति में पहचान
    राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक किसान परिवार से आने वाले अजयपाल ने SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) से जुड़कर छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई।

  • JNU छात्र संघ चुनाव में जीत
    हाल ही में JNU में हुए छात्र संघ चुनाव में उन्होंने काउंसलर पद जीतकर युवाओं की मजबूत आवाज़ बनकर उभरे।

राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के एक किसान परिवार से आने वाले अजयपाल सिंह का सफ़र साधारण नहीं रहा। ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकलकर उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े निर्णय लिए, जिनमें से हर एक ने उन्हें एक नई दिशा दी।

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पहले उन्होंने अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायुसेना में "अग्निवीर" के रूप में देश की सेवा की। देशभक्ति और साहस की भावना से प्रेरित अजयपाल ने वायुसेना की कठिन ट्रेनिंग और अनुशासन को अपनाया, लेकिन जल्द ही उन्होंने यह महसूस किया कि यह योजना उनकी दीर्घकालिक आकांक्षाओं और दृष्टिकोण के अनुकूल नहीं है।

इस आत्ममंथन के बाद अजयपाल ने एक नया रास्ता चुना — शिक्षा और जनसेवा का। वे आज देश की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), दिल्ली में अध्ययन कर रहे हैं, जहाँ वे सिर्फ एक छात्र नहीं, बल्कि एक जागरूक और सक्रिय युवा नेता भी हैं।

अजयपाल SFI (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के सक्रिय सदस्य हैं, और हाल ही में उन्होंने JNU छात्रसंघ चुनाव में काउंसलर पद जीतकर यह साबित कर दिया कि वे न केवल पढ़ाई में उत्कृष्ट हैं, बल्कि छात्र राजनीति और जनहित के मुद्दों को भी पूरी ताकत से उठाना जानते हैं।

उनकी यह यात्रा — बाड़मेर के खेतों से लेकर दिल्ली के छात्र आंदोलनों तक — न सिर्फ़ प्रेरक है, बल्कि आज के युवाओं के लिए एक संदेश भी है: साहस, सोच और संघर्ष से कोई भी मंज़िल दूर नहीं।

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