Sirohi: 'नौकरी करने नहीं आया हूं, यहां व्यापार करने आया हूं'

'नौकरी करने नहीं आया हूं, यहां व्यापार करने आया हूं'
Sirohi otaram dewasi with police officer and public
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सिरोही: मुख्यमंत्री के सपने को धूमिल कर रहे हैं सिरोही के अधिकारी

सिरोही जिले में अधिकारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के सपने को धूमिल कर रहे हैं। इस संबंध में व्यवसायियों ने राज्य मंत्री ओटाराम देवासी और जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी से शिकायत कर उचित कार्रवाई की मांग की है।

सिरोही | "मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं, व्यापार करने आया हूं, मुझे व्यापार चाहिए।" यह आरोप प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी पर लगा है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सिरोही जिले के आबूरोड स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता अशोक जेलिया की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

आबू मार्बल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष स्वयं उपाध्याय ने यह शिकायत राज्य मंत्री ओटाराम देवासी और जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी से राइजिंग राजस्थान समिट के बाद की है। शिकायत में कहा गया है कि व्यवसायियों को परेशान किया जा रहा है और काम के बदले सुविधा शुल्क मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को अपने काम के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं, जो कि मुख्यमंत्री और सरकार की छवि को धूमिल कर सकता है।

मंत्री से शिकायत, अधिकारियों पर आरोप

स्वयं उपाध्याय ने राज्य मंत्री ओटाराम देवासी और जिला कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा कि एक नया उद्योग स्थापित करने के प्रयास में अशोक जेलिया द्वारा रोड़े अटकाए जा रहे हैं। एक व्यक्ति ने 7 सितंबर को प्रदूषण बोर्ड में अपनी फ़ाइल जमा कराई थी, लेकिन जब उपाध्याय ने 15 सितंबर को इस संदर्भ में अशोक जेलिया से फोन पर बात की, तो उन्होंने कहा, "इतना जल्दी काम नहीं हो सकता, हम इसे अक्टूबर में करेंगे।"

इसके बाद, 7 अक्टूबर को अधिकारी ने फ़ाइल में कुछ कमियां निकालीं। शिकायतकर्ता ने 2 दिन के भीतर उन कमियों को पूरा कर फ़ाइल फिर से मेल कर दी। इसके बाद 16 अक्टूबर को जब उपाध्याय ने अधिकारी से पुनः संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि सिरोही से आबूरोड कार्यालय शिफ्ट होने के कारण सभी फाइलें बिखरी पड़ी हैं और काम व्यवस्थित होने पर उसे किया जाएगा।

रात में फाइल में कमियां बताना अधिकारी की मंशा पर सवाल खड़े करता है

उपाध्याय ने कहा कि अधिकारी अशोक जेलिया ने उन्हें गुरुवार शाम 5 बजे बताया कि सोमवार को काम कर दिया जाएगा। लेकिन उसी रात 8:54 बजे अधिकारी ने घर से मेल भेजकर फाइल में कमियां बताईं। यह स्थिति संदेहास्पद है, क्योंकि ऑफिस का काम व्यवस्थित न होने की बात कहकर अधिकारी शाम को घर चले गए थे, और फिर रात में मेल भेजकर कमियां बताने का क्या मतलब?

व्यवसाय करने की मंशा और मुख्यमंत्री के सपने पर असर

आबू मार्बल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष स्वयं उपाध्याय ने आरोप लगाया कि अशोक जेलिया खुलेआम कहते हैं, "मैं यहां नौकरी करने नहीं आया, व्यापार करने आया हूं, मुझे व्यापार चाहिए।" उपाध्याय ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी सुविधा शुल्क की मांग कर रहे हैं और उद्योगपतियों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने का सपना कैसे पूरा होगा?

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