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"जब आपने ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखा, तो ऐसा लगा जैसे भारत ने पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर दिया। अब तो बस विदाई बाकी है!"
नई दिल्ली, संसद भवन, जुलाई 2025 —
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल का भाषण राजनीतिक तीखापन और राष्ट्रभक्ति से भरा रहा। अपने संबोधन की शुरुआत ही उन्होंने एक तीखे सवाल से की — "पूछ लो POK कब ले रहे हो, यहीं से शुरू करो!" — और फिर पूरे भाषण में सरकार को घेरते हुए कई मुद्दों पर सीधा हमला बोला।
???? पहलगाम हमले और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहन सवाल
हनुमान बेनीवाल ने सबसे पहले 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले का ज़िक्र किया, जिसमें 26 तीर्थयात्रियों की निर्मम हत्या की गई थी। उन्होंने कहा कि यह घटना देश के हर नागरिक को झकझोर गई। "बच्चे, महिलाएं, बूढ़े सभी रो रहे थे... हर घर में मातम था," उन्होंने कहा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल दागते हुए कहा कि जो 11 साल से सुरक्षा की गारंटी पर वोट ले रहे थे, वे अब कब जागेंगे?
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बार-बार POK पर कब्जे की बात की थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई — "आपको 303 दी, 350 दी... अबकी बार फिर 300 पार कराया। फिर कब करोगे कब्जा POK पर?"
???? ऑपरेशन सिंदूर पर कटाक्ष — “पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर दिया?”
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम को लेकर कटाक्ष किया और कहा कि,
"जब आपने ऑपरेशन का नाम सिंदूर रखा, तो ऐसा लगा जैसे भारत ने पाकिस्तान की मांग में सिंदूर भर दिया। अब तो बस विदाई बाकी है!"
सांसद बेनीवाल ने कहा कि अगर कराची, लाहौर और इस्लामाबाद तक पहुंचने की बातें हो रही थीं, तो जनता को सच्चाई भी बताई जाए।
???? खुफिया तंत्र पर सवाल और सिस्टम की विफलता की आलोचना
उन्होंने कहा कि पहलगाम अंतरराष्ट्रीय सीमा से दूर है, फिर भी आतंकवादी वहां तक कैसे पहुंचे? "क्या हमारा खुफिया तंत्र इतना कमजोर हो गया है?" उन्होंने सवाल उठाया कि पर्यटक स्थल होने के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था इतनी ढीली क्यों थी?
???? लोकसभा में हनुमान बेनीवाल की चेतावनी — अग्निवीर योजना बंद करो
बेनीवाल ने अग्निवीर योजना पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे सेना का मनोबल गिरा है।
"मैं उस जाति से आता हूं, जिसके सबसे ज्यादा लोग सेना में जाते हैं और सबसे ज्यादा शहादत देते हैं। व्यापारी लोगों को क्या पता सेना क्या होती है?"
उन्होंने मांग की कि अग्निवीर योजना समाप्त कर, पहले की तरह सेना भर्ती रैलियां चलाई जाएं।
???? लोकसभा का अपमान — सोशल मीडिया ही आखिरी आसरा
सांसद ने संसद की कार्यवाही पर भी सवाल उठाए कि इतनी गंभीर चर्चा के बीच बार-बार टोका-टाकी हो रही थी। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा —
"खबर तो अखबार में छपनी नहीं, सिर्फ सोशल मीडिया से ही काम निकलेगा।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि संसद में 12 बजे रात को भी जो सांसद सेना के सम्मान के लिए बैठे हैं, वही असली प्रतिनिधि हैं।
???? प्रधानमंत्री से सवाल — सिंदूर क्यों नाम रखा?
अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि संसद में आकर जवाब दें —
सिंदूर नाम क्यों रखा गया?
सिंदूर कहां भरा गया?
और कब होगा पाकिस्तान का इलाज?
उन्होंने सीज़फायर में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी और भारतीय सेना को सलाम करते हुए कहा कि देश की सेना सबसे मजबूत है — "हम सेना के साथ हैं।"