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ऑपरेशन महादेव को भारतीय सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (24 RR), 4 पैरा स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) और सीआरपीएफ (CRPF) की साझा टीम ने मिलकर अंजाम दिया। इस कार्रवाई में मारा गया मुख्य आतंकी सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा, पाकिस्तान की सेना की स्पेशल फोर्स का पूर्व कमांडो रह चुका था और बाद में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया था।
श्रीनगर | 28 जुलाई 2025 —
जम्मू-कश्मीर के लिडवास क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाबलों ने एक बड़े आतंक विरोधी अभियान "ऑपरेशन महादेव" को अंजाम देते हुए तीन आतंकियों को मार गिराया। इन आतंकियों में वह मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल था, जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले की योजना बनाई थी। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी।
ऑपरेशन महादेव को भारतीय सेना की 24 राष्ट्रीय राइफल्स (24 RR), 4 पैरा स्पेशल फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस (JKP) और सीआरपीएफ (CRPF) की साझा टीम ने मिलकर अंजाम दिया। इस कार्रवाई में मारा गया मुख्य आतंकी सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा, पाकिस्तान की सेना की स्पेशल फोर्स का पूर्व कमांडो रह चुका था और बाद में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया था।
???? तकनीकी सुराग से मिली बड़ी सफलता
इस ऑपरेशन की नींव तब पड़ी जब सेना को एक टी82 अल्ट्रासेट सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस के एक्टिव होने की सूचना मिली। यही डिवाइस आतंकियों ने पहलगाम हमले में इस्तेमाल की थी। सेना ने इस फोन को ट्रैक करना शुरू किया और 26 जुलाई को इसकी लोकेशन दाचीगाम जंगल के पास मिली। इसके बाद ऑपरेशन महादेव को अंतिम रूप दिया गया।
स्थानीय खानाबदोश समुदाय (नोमैड्स) से मिले इनपुट्स और ड्रोन व थर्मल इमेजिंग टेक्नोलॉजी की मदद से आतंकियों की सटीक स्थिति का पता चला। सोमवार सुबह 11:30 बजे 4 पैरा की टीम ने लिडवास इलाके में आतंकियों के टेंट को चिन्हित किया और चुपचाप घेराबंदी कर दी। करीब 6 घंटे की मुठभेड़ में तीनों आतंकी ढेर कर दिए गए।
☠️ ढेर हुए आतंकियों के पास से भारी हथियार बरामद
मुठभेड़ के बाद आतंकियों के ठिकाने से बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किए गए। इसमें कार्बाइन, एके-47 राइफलें और अमेरिकी असॉल्ट राइफलें भी शामिल थीं। जांच एजेंसियों के मुताबिक ये आतंकी किसी नए बड़े हमले की तैयारी में थे।
???? मारे गए आतंकियों की पहचान
हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान शाह: पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो, लश्कर का प्रमुख ऑपरेशनल मास्टरमाइंड, पहलगाम और सोनमर्ग हमलों का जिम्मेदार।
जिब्रान: पिछले साल सोनमर्ग सुरंग हमले में शामिल था।
हमजा अफगानी: विदेशी आतंकी, हथियारों की सप्लाई और रणनीति में माहिर।
???????? सुरक्षा बलों की अभूतपूर्व समन्वय
चारों एजेंसियों ने बीते 14 दिन से दाचीगाम जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रखा था। इसमें 24 RR की ग्राउंड इंटेलिजेंस, 4 पैरा की एक्यूरेट फायर पावर, JKP की स्थानीय जानकारी और CRPF की लॉजिस्टिक सपोर्ट ने मिलकर इस ऑपरेशन को ऐतिहासिक बना दिया।
????️ सावन के तीसरे सोमवार को ‘महादेव’ का न्याय
सावन के तीसरे सोमवार को जब पूरा देश भगवान शिव की आराधना में लीन था, तब भारतीय सुरक्षा बलों ने आतंकवाद के खिलाफ "महादेव" रूप धारण कर लिया। ऑपरेशन महादेव में तीन दुर्दांत आतंकियों का सफाया कर यह संदेश दे दिया गया है कि भारत आतंक का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
???? क्या यह अंत है?
हालांकि यह बड़ी कामयाबी है, पर विशेषज्ञों का मानना है कि घाटी में आतंकी नेटवर्क पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। सुरक्षा बलों को अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। साथ ही, यह ऑपरेशन स्वदेशी तकनीक, अंतर-एजेंसी समन्वय और साहस का प्रतीक बनकर उभरा है।
???? यह केवल मुठभेड़ नहीं, एक संदेश है — भारत की सुरक्षा प्रणाली अब सटीक, सक्रिय और अत्याधुनिक हो चुकी है।