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असदुद्दीन ओवैसी का यह भाषण तीखा था, सवालों से भरा था और कई जगह केंद्र सरकार की नीतियों को ललकारता दिखा।
उन्होंने भारत की सेना की बहादुरी की सराहना की, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद से लड़ाई केवल सैन्य ऑपरेशन से नहीं, बल्कि नीतिगत पारदर्शिता और राजनीतिक ईमानदारी से ही संभव है।
नई दिल्ली, संसद भवन —
लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देने से शुरुआत करते हुए सरकार की विदेश नीति, आंतरिक सुरक्षा और पाकिस्तान से जुड़े रवैये पर कई बड़े सवाल खड़े किए।
???? शहीदों को श्रद्धांजलि से शुरुआत
ओवैसी ने संसद में अपनी बात की शुरुआत करते हुए पुलवामा हमले में मारे गए 26 भारतीय नागरिकों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मौलाना इकबाल, पांच साल की बच्ची मरियम, ज़ैन अली और फातिमा जैसे निर्दोष नागरिकों का भी जिक्र किया जो आतंकवाद का शिकार हुए।
"मैं ताजियत पेश करना चाहता हूं मौलाना इकबाल को, उस 5 साला मरियम को जिसका पेट फट गया, बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज को..."
???? ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ, मगर...
ओवैसी ने भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने बड़ी कामयाबी हासिल की। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने बालाकोट, बहावलपुर जैसे ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान के कई रनवे और एयरबेस तबाह किए।
"मुसल्ला अफवाज ने बहादुरी से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। मगर सवाल ये है कि सरकार ने उस यूफोरिया का लाभ क्यों नहीं उठाया?"
???? सरकार से तीखे सवाल: "आप पाकिस्तान से मैच कैसे खेल सकते हैं?"
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को याद दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।" उन्होंने सवाल उठाया कि जब व्यापार, वीज़ा और पानी बंद है तो फिर क्रिकेट मैच क्यों जारी है?
"क्या इस सरकार में इतनी हिम्मत है कि वो उन 25 मरे हुए लोगों को फोन कर के कहे — हमने ऑपरेशन सिंदूर किया, अब पाकिस्तान से मैच देखो?"
???? इंटेलिजेंस फेलियर पर सरकार से जवाब तलब
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 7 लाख सुरक्षाबलों की मौजूदगी के बावजूद चार आतंकी भारत में कैसे घुस आए और हमला कर पाए।
"अकाउंटेबिलिटी किस पर फिक्स होगी? एलजी पर? पुलिस पर? आईबी पर? अगर जवाबदेही नहीं तय होगी तो यह सिर्फ एक शो बनकर रह जाएगा।"
???? "370 हटाया, UT बनाया, फिर भी आतंकी कैसे घुसे?"
ओवैसी ने सरकार की कश्मीर नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद भी अगर आतंकी हमले नहीं रुकते, तो ये नीति फेल मानी जाएगी।
"कश्मीर की नीति नाकाम साबित हुई, डिटरेंस की पॉलिसी नाकाम साबित हुई।"
???? अमेरिकी हस्तक्षेप पर आपत्ति: "चाचा सैम क्यों बोले?"
उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि भारत की ओर से सीज़फायर का ऐलान अमेरिका क्यों कर रहा है?
"अगर व्हाइट हाउस से सीज़फायर का ऐलान होगा तो हमारे पायलट, हमारी नेवी, हमारी सेना का मनोबल कहां जाएगा?"
???? रक्षा सौदों और सेना की स्थिति पर गंभीर सवाल
उन्होंने सवाल उठाया कि भारत के पास केवल 29 स्क्वाड्रन बचे हैं जबकि 42 की जरूरत है, सबमरीन नहीं हैं, तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर नहीं है।
"11 साल से आप सरकार में हैं, 60 साल बाद भी सिर्फ 29 स्क्वाड्रन? चीन के पास 50+, पाकिस्तान के पास 25 स्क्वाड्रन हैं।"
???? विदेश नीति पर हमला: "आपकी पॉलिसी कितनी कामयाब?"
उन्होंने मोदी सरकार की विदेश नीति पर हमला करते हुए कहा कि अमेरिका से लेकर चीन तक किसी को आप बोल नहीं पा रहे।
"डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा चीन का हथियार पाकिस्तान को मिला, आपने क्यों नहीं कहा चीन से सवाल?"
???? FATF में पाकिस्तान को लाने की मांग
उन्होंने सरकार से मांग की कि अगर भारत विश्वगुरु है तो G7, GCC और अमेरिका को राजी कर FATF में पाकिस्तान को दोबारा ब्लैकलिस्ट करवाया जाए।
???? अंत में ओवैसी ने अशफाक उल्ला खां की शायरी सुनाकर भाषण का समापन किया:
"अपने ही हाथों से सर अपना कटाना है हमें,
मादर-ए-हिंद पे भेंट चढ़ाना है हमें,
किस तरह मरते हैं एररारे वतन भारत पर,
ये तमाशा है जो दुनिया को दिखाना है हमें।"