Highlights
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ईडी ने अदालत में अर्जी देकर राजकुमार राणा की पत्नी और बेटे को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग की।
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आरोपी ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं और नोटिस के बावजूद भारत नहीं लौटे।
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387 करोड़ की अवैध संपत्ति का आरोप, जिसमें फर्जी डिग्री बेचने का मामला शामिल है।
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एजेंटों की संपत्तियों पर भी कार्रवाई जारी, अब तक ₹1.74 करोड़ की 7 संपत्तियां अटैच की गईं।
शिमला।
बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले में संलिप्त मानव भारती विश्वविद्यालय के मालिक राजकुमार राणा की पत्नी अश्वनी कंवर और बेटे मनदीप राणा को अब भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA 2002) के तहत विशेष अदालत में आवेदन दायर कर यह मांग की है।
ईडी ने खुलासा किया है कि राणा परिवार ने करीब 387 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की, जिसमें फर्जी डिग्री बेचने का नेटवर्क शामिल था। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अश्वनी कंवर और मनदीप राणा ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं, जबकि भारत में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है। नोटिस और समन के बावजूद वे जांच में शामिल नहीं हुए।
विशेष अदालत से भगोड़ा घोषित होते ही ईडी देश और विदेश में इनकी बेनामी और अपराध की आय से खरीदी गई संपत्तियों को जब्त कर सकती है। इसके अलावा, भारत सरकार को प्रत्यर्पण प्रक्रिया में भी मजबूती मिलेगी।
ईडी ने बताया कि इस घोटाले में शामिल एजेंटों ने भी आय से अधिक संपत्तियां अर्जित की हैं। अब उनकी संपत्तियां भी जांच के घेरे में हैं। अब तक 1.74 करोड़ रुपये की सात संपत्तियां अटैच की जा चुकी हैं।
माधव यूनिवर्सिटी, सिरोही — एक और संदिग्ध संस्था राजकुमार राणा के नाम पर
राजकुमार राणा, जो हिमाचल प्रदेश के मानव भारती विश्वविद्यालय (MBU) के बहुचर्चित फर्जी डिग्री घोटाले का मुख्य आरोपी है, ने राजस्थान के सिरोही जिले में भी एक निजी विश्वविद्यालय स्थापित किया था — जिसका नाम है माधव यूनिवर्सिटी।
माधव यूनिवर्सिटी का पंजीकरण और संचालन
स्थापना वर्ष: 2014
स्थान: गांव-पंचायत भानपुरा खींची, तहसील पिंडवाड़ा, जिला सिरोही, राजस्थान
अधिनियम: राजस्थान राज्य सरकार द्वारा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम के अंतर्गत स्थापित
प्रबंधक / ट्रस्टी: ट्रस्ट और प्रशासनिक प्रमुख के रूप में राजकुमार राणा का सीधा नियंत्रण
विवाद और सवाल
नकली डिग्री रैकेट में नाम: हिमाचल में फर्जी डिग्री बेचने के मामले में फंसे राणा की दूसरी यूनिवर्सिटी "माधव यूनिवर्सिटी" पर भी नकली डिग्री और अव्यवस्थित परीक्षा संचालन के आरोप लगते रहे हैं।
शिक्षकों और स्टाफ की गुणवत्ता पर सवाल: कई स्थानीय रिपोर्टों और छात्रों ने शैक्षणिक गुणवत्ता की भारी कमी और पैसे लेकर डिग्री देने जैसी शिकायतें की हैं।
ईडी और राज्य एजेंसियों की नजर में: हिमाचल की जांच के बाद अब ईडी की नजर माधव यूनिवर्सिटी की आय और खर्च पर भी है। इस संस्था के जरिए भी अवैध तरीके से पैसा कमाने की आशंका जताई जा रही है।