जर्जर भवन में पढ़ रहे 78 छात्र: सिरोही के पांडूरी बंजाराफली स्कूल में प्लास्टर गिरा

सिरोही के पांडूरी बंजाराफली स्कूल में प्लास्टर गिरा
सिरोही के पांडूरी बंजाराफली स्कूल में प्लास्टर गिरा
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Highlights

  • स्थानीय भाजपा भाखर मंडल अध्यक्ष दशरथसिंह राव ने बताया कि स्कूल भवन के पास लगातार हो रही पहाड़ी ब्लास्टिंग से भी नींव कमजोर हो गई है
  • इस गंभीर समस्या को लेकर वे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर नया भवन निर्माण करवाने का प्रयास करेंगे

सिरोही (आबूरोड), 26 जुलाई 2025 | राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड क्षेत्र स्थित पांडूरी गांव की बंजाराफली प्राथमिक विद्यालय में शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा बाल-बाल टल गया। स्कूल के बरामदे की छत से अचानक प्लास्टर गिर गया। सौभाग्य से उस समय वहां कोई छात्र मौजूद नहीं था, जिससे एक बड़ी त्रासदी होने से बच गई।

दो कमरे पहले से ही घोषित हैं जर्जर
स्थानीय ग्रामीणों और स्कूल प्रशासन के अनुसार, विद्यालय भवन की स्थिति पहले से ही चिंताजनक बनी हुई है। स्कूल के दो कक्षा-कक्ष पहले से ही जर्जर हालत में हैं और अब बरामदे से गिरते प्लास्टर ने भवन की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। हादसे के बाद छात्रों और अभिभावकों में भय का माहौल बन गया है।

सील किए गए खतरनाक कमरे, पढ़ाई आंगनवाड़ी में
प्रधानाध्यापक सुनीता बैरवा ने बताया कि भवन की हालत और हादसे की सूचना विभागीय अधिकारियों को दे दी गई है। फिलहाल जर्जर कमरों को सील कर दिया गया है और छात्रों को स्कूल के खुले बरामदे व नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र में पढ़ाया जा रहा है।

भवन के पास हो रही ब्लास्टिंग से नींव भी कमजोर
स्थानीय भाजपा भाखर मंडल अध्यक्ष दशरथसिंह राव ने बताया कि स्कूल भवन के पास लगातार हो रही पहाड़ी ब्लास्टिंग से भी नींव कमजोर हो गई है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर समस्या को लेकर वे जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर नया भवन निर्माण करवाने का प्रयास करेंगे।

अभिभावकों की चेतावनी: भवन नहीं बना तो बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे
घटना के बाद छात्रों के अभिभावकों में भी भारी नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि वे बच्चों को जान जोखिम में डालकर डर के माहौल में स्कूल भेजने को मजबूर हैं। यदि जल्द ही नया भवन नहीं बनाया गया, तो वे सामूहिक रूप से बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे।

ज़रूरत है तत्काल कार्रवाई की
पांडूरी बंजाराफली विद्यालय की यह घटना राजस्थान के सरकारी स्कूलों की दुर्दशा और सरकारी तंत्र की सुस्ती को उजागर करती है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो यह लापरवाही किसी बड़ी जानलेवा दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रशासन और शिक्षा विभाग को चेतने और ठोस कदम उठाने की सख्त जरूरत है।

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