जावाल। जावाल के बायोशा मंदिर परिसर के पास कृष्णावती नदी में अवैध बजरी खनन के खिलाफ स्थानीय ग्रामीण सड़कों पर उतर आए हैं और धरने पर बैठ गए हैं। कृष्णावती नदी संघर्ष समिति के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन सोमवार से शुरू हुआ है। समिति ने जावाल सहित आसपास के गांवों में सम्पूर्ण बंद का आह्वान भी किया है।
धरने में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि नदी में बड़ी-बड़ी मशीनों के जरिए अवैध खनन हो रहा है, जिससे क्षेत्र में पानी की कमी और कृषि सिंचाई में गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी दो बार इस मुद्दे को लेकर धरने दिए गए, लेकिन केवल आश्वासन ही मिले और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
धरना स्थल पर प्रदर्शनकारियों के लिए टेंट, पानी और भोजन की बेहतर व्यवस्था की गई है। इस संघर्ष में कांग्रेस और भाजपा के कई स्थानीय पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है और दोनों ही पार्टियों ने आगामी राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग न लेने का निर्णय लिया है।
बुधवार को राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने ग्रामीणों से शाम 4 बजे सर्किट हाउस में मिलने का समय दिया था। हालांकि, ग्रामीण मंत्री के देर से आने के कारण कुछ समय तक इंतजार करते रहे।
स्थानीय प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेवदर और सिरोही के सीओ, तहसीलदार, बरलूट थाना अधिकारी के साथ-साथ आरएसी और अन्य थानों की पुलिस को मौके पर तैनात किया है।
इस मुद्दे को लेकर स्थानीय ग्रामीण काफी गंभीर हैं और उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।