बॉलीवुड | अभिजीत भट्टाचार्य, जिन्हें अभिजीत के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 30 अक्टूबर 1958 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा और संगीत के प्रति रुझान उनके परिवार और आस-पास के वातावरण से ही आया। उनका प्रवेश बॉलीवुड में संगीतकार आर. डी. बर्मन ने करवाया था, जहाँ उन्होंने एक बांग्ला फिल्म में अशा भोसले के साथ एक डुएट गीत के साथ अपना करियर शुरू किया था।
सफलता की सीढ़ियाँ
अभिजीत की सफलता की शुरुआत फिल्म 'बागी: ए रिबेल फॉर लव' से हुई, जहाँ उन्होंने "चांदनी रात है" जैसे गीतों को अपनी आवाज दी। 1992 में, 'खिलाड़ी' फिल्म में उनके गाए हुए गीत "वादा रहा सनम" ने उन्हें एक नया मुकाम दिया। 90 के दशक में उन्होंने कई सुपरहिट गीत दिए, जिनमें "क्या खबर थी जाना" और "जब दिल मिले" जैसे गीत शामिल हैं।
वापसी और विवाद
2009 के बाद से, अभिजीत ने शाहरुख खान के लिए गाने नहीं गाए, लेकिन उनकी आवाज ने कई अन्य हिट फिल्मों में अपनी छाप छोड़ी। 2016 में, उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काम करने के खिलाफ एक विवादास्पद ट्वीट किया, जिसने उन्हें मीडिया के निशाने पर ला दिया। हालांकि, इस विवाद ने उनके संघर्ष और साहस को भी दिखाया जो उनकी व्यक्तित्व का हिस्सा है।
करियर की नई उड़ान
2024 में, अभिजीत ने 'पंचायत सीजन 3' के लिए "ठमे दिल को" गाकर एक शानदार वापसी की। इस गीत ने 90 के दशक की याद दिलाते हुए उनकी गायकी की पुरानी जादू को फिर से जिंदा कर दिया।
विविधता और प्रभाव
अभिजीत ने केवल हिंदी में ही नहीं बल्कि मराठी, नेपाली, तमिल, भोजपुरी, पंजाबी, ओडिया और बांग्ला में भी अपनी आवाज दी है। उनके योगदान को देखते हुए, उन्होंने 1000 से अधिक फिल्मों में 6050 से अधिक गीत गाए हैं, जो उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली प्लेबैक सिंगर्स में से एक बनाता है।
निष्कर्ष
अभिजीत भट्टाचार्य का सफर एक संघर्ष और सफलता की कहानी है, जिसमें उन्होंने अपनी आवाज से हजारों दिलों को छुआ है। उनकी गायकी में एक अद्वितीय भावना है जो उन्हें अन्यतम बनाती है। जैसे-जैसे समय बदलता है, अभिजीत की आवाज की गूंज बॉलीवुड के सुरों में हमेशा बनी रहेगी।
इस लेख में, हमने अभिजीत भट्टाचार्य के जीवन और करियर के प्रमुख पड़ावों पर प्रकाश डाला है, जो उनकी व्यक्तित्व और गायकी के विकास को दर्शाता है।