मासिक धर्म जागरूकता: किशोरी प्रोजेक्ट बेटियों को कर रहा सशक्त

किशोरी प्रोजेक्ट बेटियों को कर रहा सशक्त
प्रजना फाउंडेशन
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Highlights

प्रजना फाउंडेशन की प्रवक्ता विशिष्टा सिंह के अनुसार, 'प्रोजेक्ट किशोरी' का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को समझाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान को जयपुर के विभिन्न विद्यालयों में लागू करने के बाद, अब इसे और भी व्यापक स्तर पर फैलाने की योजना है

जयपुर | बेटियों में मासिक धर्म से जुड़ी जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रजना फाउंडेशन द्वारा संचालित 'प्रोजेक्ट किशोरी' अभियान पूरे जयपुर में सफलतापूर्वक चल रहा है। इस पहल का उद्देश्य किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने की आवश्यकता को समझाना और समाज में फैली मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों और मिथकों को दूर करना है।

अभियान की शुरुआत और विस्तार

17 अगस्त को राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने इस अभियान की शुरुआत की थी, और तब से यह अभियान जयपुर के कई विद्यालयों में पहुंच चुका है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सहयोग से चल रहे इस अभियान के अंतर्गत अब तक सैकड़ों किशोरियों को किशोरी किट वितरित की जा चुकी हैं। ये किट्स किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने में सहायक हैं, जिससे उन्हें स्वस्थ और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।

विभिन्न विद्यालयों में किशोरी किट का वितरण

जयपुर शहर के मीनावाला स्थित यूनीवर्स उच्च माध्यमिक विद्यालय में 'प्रोजेक्ट किशोरी' के अंतर्गत 100 छात्राओं को किशोरी किट वितरित की गईं। प्रधानाचार्या श्रीमती राखी निर्बाण और स्कूल निदेशक रितिका राठौड़ की उपस्थिति में इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया, जहां छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता से संबंधित जानकारी भी प्रदान की गई।

इसी प्रकार महात्मा गांधी थड़ी मार्केट, मानसरोवर के विद्यालय में प्रधानाचार्य अजय कुमार, अध्यापिका अरुणा भारद्वाज और कल्पना शर्मा की मौजूदगी में छात्राओं को किशोरी किट वितरित की गईं और किशोरी क्लब का गठन किया गया। इसके अतिरिक्त, बिंदायका स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य झाबर सिंह की उपस्थिति में 60 छात्राओं को किशोरी किट प्रदान की गई। इसी प्रकार, राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, मीरा मार्ग, मानसरोवर में भी प्रधानाचार्य रघुवीर प्रसाद शर्मा, अध्यापिका रितु देवी और मीना शर्मा की उपस्थिति में किशोरी किट वितरित की गईं और किशोरी क्लब गठित किया गया।

किशोरी क्लब का गठन: एक नई पहल

किशोरी किट वितरण के साथ ही, इन स्कूलों में 'किशोरी क्लब' का भी गठन किया गया। इन क्लबों का उद्देश्य छात्राओं को मासिक धर्म से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी देना और स्वच्छता के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने का एक मंच प्रदान करना है। इन क्लबों के जरिए छात्राओं को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के सरल और प्रभावी तरीकों की जानकारी दी जा रही है। इस पहल से किशोरियों में न केवल शारीरिक स्वच्छता को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरणा मिलेगी।

अभियान का उद्देश्य और भविष्य की योजना

प्रजना फाउंडेशन की प्रवक्ता विशिष्टा सिंह के अनुसार, 'प्रोजेक्ट किशोरी' का मुख्य उद्देश्य किशोरियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के महत्व को समझाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान को जयपुर के विभिन्न विद्यालयों में लागू करने के बाद, अब इसे और भी व्यापक स्तर पर फैलाने की योजना है। आने वाले समय में इस अभियान को अन्य जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी ले जाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक किशोरियों और महिलाओं तक इसका लाभ पहुंच सके।

अभियान का समाज पर सकारात्मक प्रभाव

'प्रोजेक्ट किशोरी' किशोरियों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। यह अभियान न केवल उन्हें शारीरिक स्वच्छता के महत्व से परिचित करा रहा है, बल्कि समाज में प्रचलित मासिक धर्म से जुड़े मिथकों को भी तोड़ रहा है। यह पहल किशोरियों को आत्मनिर्भरता की राह पर चलने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वे अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों को प्राथमिकता दे सकें।

अभियान के पीछे समर्पित टीम

प्रजना फाउंडेशन की इस सराहनीय पहल में फाउंडेशन की फाउंडर प्रीति शर्मा, प्रवक्ता विशिष्टा सिंह, शिवनारायण, दीपक श्योराण, राशि कटोदा, प्राची खंडेलवाल और राघव बोहरा जैसे समर्पित व्यक्तियों का विशेष योगदान रहा है। इनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है और भविष्य में इसके और भी प्रभावी परिणाम देखने को मिलेंगे।

निष्कर्ष

प्रजना फाउंडेशन का 'प्रोजेक्ट किशोरी' अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता की दिशा में जागरूक कर रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रेरित कर रहा है। आने वाले समय में इस अभियान से और भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे, जिससे समाज में बेटियों की स्थिति में सुधार होगा और वे आत्मविश्वास से अपने जीवन के हर पहलू में आगे बढ़ सकेंगी।

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