काजी निजामुद्दीन को फिर मौका: कांग्रेस ने राजस्थान के लिए तीन सह-प्रभारियों की घोषणा की, AICC सचिव तरुण कुमार की छुट्टी

कांग्रेस ने राजस्थान के लिए तीन सह-प्रभारियों की घोषणा की, AICC सचिव तरुण कुमार की छुट्टी
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राजस्थान कांग्रेस ने भी पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह के बीच प्रदेश संगठन को मजबूत करने के लिए काजी निजामुद्दीन समेत तीन सह प्रभारी नियुक्त करने का ऐलान किया है।राजस्थान कांग्रेस ने शनिवार को काजी निजामुद्दीन के अलावा अमृता धवन और वीरेंद्र सिंह राठौर सह प्रभारी बनाया है। 

जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां एक्शन मोड में दिखाई दे रही है। 

ऐसे में राजस्थान कांग्रेस ने भी पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह के बीच प्रदेश संगठन को मजबूत करने के लिए काजी निजामुद्दीन समेत तीन सह प्रभारी नियुक्त करने का ऐलान किया है।

राजस्थान कांग्रेस ने शनिवार को काजी निजामुद्दीन के अलावा अमृता धवन और वीरेंद्र सिंह राठौर सह प्रभारी बनाया है। 

पार्टी ने तीनों को प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ काम करने का जिम्मा सौंपा गया है। 

वहीं, पूर्व में राजस्थान में सह प्रभारी रहे तरुण कुमार को एआईसीसी सचिव पद से हटा दिया गया है और अमृता धवन को इस पद भी कार्यभार सौंपा गया है। 

तिलक नगर दिल्ली से चुनाव लड़ चुकीं और महिला कांग्रेस दिल्ली की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकीं अमृता धवन से पार्टी के सांगठनिक ढांचे में अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है। 

काजी निजामुद्दीन पहले भी राजस्थान में पार्टी के सह-प्रभारी के रूप में काम कर चुके हैं ऐसे में अब उन्हें एक बार फिर से  आगामी चुनावों में अपनी ताकत साबित करने का एक और मौका दिया गया है।

इसी के साथ वीरेंद्र सिंह राठौर, जो पूर्व में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और गुजरात के सह-प्रभारी भी रह चुके हैं, से राज्य में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के लिए अपने अनुभव को लाने की उम्मीद है।

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गौरतलब है कि, राजस्थान में गहलोत सरकार अपने कार्यकाल के पांच साल पूरे करने जा रही है। ऐसे में आगामी चुनावों को लेकर सीएम अशोक गहलोत का दावा है कि कांग्रेस एक बार फिर से राजस्थान में सरकार बनाएगी। 

इसी को लेकर कांग्रेस आलाकमान आगामी चुनावों की तैयारी के लिए संगठनात्मक नियुक्तियां कर रही है। 

इसी के साथ ये भी कहा जा रहा है कि इस बार टिकट भी सर्वे  के आधार पर तय किए जाएंगे। जो विधायक और मंत्री जनता की मांग पर खरा उतरेगा उसे ही टिकट दिया जाएगा।

सीएम गहलोत के इस दावे ने कई विधायकों और मंत्रियों के टिकटों को संकट में डाल दिया है। बहरहाल, कांग्रेस आगामी चुनाव में जोरदार टक्कर की तैयारी करती नजर आ रही है।

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