क्या भारत हर मोर्चे पर तैयार: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद क्या पाकिस्तान फिर जंग की तैयारी में है

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भारत के पास रूस से प्राप्त अत्याधुनिक S-400 वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे हवाई हमलों के खिलाफ एक मजबूत कवच माना जाता है। हालांकि, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ का मानना है कि "सिर्फ एक सिस्टम पर सुरक्षा निर्भर नहीं होती। और S-400 से बचने की ट्रेनिंग लेना भी बेवकूफी होगी।" उनका यह बयान इस बात पर जोर देता है कि भारत की सुरक्षा किसी एक हथियार प्रणाली पर आधारित नहीं है, बल्कि यह एक बहु-आयामी रणनीति का हिस्सा है।

जयपुर

आज का बड़ा सवाल: चीन दे रहा J-35A जेट, तुर्किये सिखा रहा S-400 से बचने के तरीके

जयपुर। भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीजफायर हुए भले ही कुछ समय बीत गया हो, लेकिन पड़ोसी देश की गतिविधियां और भड़काऊ बयानबाजी एक बार फिर चिंता का विषय बनती जा रही है।

चीन द्वारा पाकिस्तान को उन्नत लड़ाकू विमानों की डिलीवरी और तुर्किये द्वारा सैन्य प्रशिक्षण की खबरें इस आशंका को बल दे रही हैं कि पाकिस्तान दोबारा बड़े संघर्ष की तैयारी में है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि भारत इस स्थिति के लिए कितना अलर्ट है?

आइए, एक-एक करके समझते हैं पूरी तस्वीर।

सवाल 1: क्या सीजफायर के बावजूद पाकिस्तान फिर से जंग चाहता है?

10 मई को हुए सीजफायर को पाकिस्तान ने अपनी जीत के रूप में पेश किया, लेकिन कई विशेषज्ञ मानते हैं कि असली नुकसान पाकिस्तान को ही हुआ था। इसके बावजूद पाकिस्तानी नेता और आर्मी अफसर लगातार भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दे रहे हैं।

18 मई को पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ले. जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने खुले तौर पर कहा, "पाकिस्तान को कभी रोका नहीं जा सकता। भारत जितनी जल्दी ये समझे, उतना बेहतर। हम कभी झुकेंगे नहीं।"

चौधरी ने सिंधु जल समझौते को लेकर भी भारत को चेतावनी देते हुए कहा, "अगर भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका, तो इसका असर दशकों तक दिखेगा।" इससे पहले 12 मई को पाक विदेश मंत्री इशाक डार ने भी कहा था, "अगर जल विवाद खत्म नहीं हुआ, तो सीजफायर खतरे में पड़ सकता है।"

रिपोर्ट्स बताती हैं कि पाकिस्तान ने LoC (नियंत्रण रेखा) के पास आतंकियों के ठिकाने हटाए जरूर हैं, पर उन्हें पूरी तरह खत्म नहीं किया है। ड्रोन से जासूसी और हथियार गिराने की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं।

भारत के लगातार अलर्ट पर रहने के कारण दोनों देशों में बातचीत की गुंजाइश बेहद कम है। JNU के प्रो. राजन कुमार के अनुसार, पाकिस्तान खुली जंग से बचेगा, लेकिन आतंक के जरिए हमला कर सकता है। उनका कहना है कि वह अकेले नहीं लड़ेगा और चीन तथा तुर्किये जैसे देश उसे समर्थन दे रहे हैं।

ले. जनरल सतीश दुआ के मुताबिक, पाकिस्तान जंग तो चाहता है, लेकिन उसकी स्थिति पूर्ण युद्ध के लायक नहीं है।

सवाल 2: चीन पाकिस्तान को कैसे तैयार कर रहा है?

पाकिस्तान दिसंबर 2024 से चीन से J-35A फाइटर जेट खरीदने की बातचीत कर रहा था। अब खबर है कि चीन ने अगस्त 2025 तक 40 एयरक्राफ्ट्स डिलीवर करने का वादा किया है – वो भी 50% डिस्काउंट पर। अगर यह डील फाइनल हुई, तो पाकिस्तान J-35A स्क्वॉड्रन रखने वाला दुनिया का दूसरा देश होगा।

J-35A, जिसे FC-31 या Gyrfalcon भी कहा जाता है, चीन का फिफ्थ जनरेशन स्टील्थ फाइटर जेट है। इसे शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने विकसित किया है और इसे अमेरिकी F-35 का जवाब माना जाता है। इसकी मुख्य खूबियों में स्टील्थ टेक्नोलॉजी (रडार से बचने की क्षमता, जिससे भारत के पुराने रडार सिस्टम से इसे पकड़ पाना मुश्किल होगा), मल्टीरोल कैपेबिलिटी (एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड मिशन दोनों कर सकता है), इंटरनल वेपन बे (हथियार शरीर के अंदर छिपे रहते हैं, जिससे रडार पर पकड़ और मुश्किल), और डुअल इंजन (दो इंजन से बेहतर स्पीड और स्थिरता) शामिल हैं। इसमें एडवांस्ड एवियोनिक्स और AESA रडार भी हैं। इसकी अनुमानित टॉप स्पीड Mach 1.8 (2200+ किमी/घंटा) और ऑपरेशनल रेंज लगभग 1200-1500 किमी है, जिसकी वेपन कैपेसिटी लगभग 8 टन है।

J-35A की पाकिस्तान को डिलीवरी चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि पाकिस्तान के पास पहले ही चीन से मिले JF-17 Thunder फाइटर जेट हैं। अगर J-35A मिलते हैं, तो वह भारत के खिलाफ स्टील्थ एयर स्ट्राइक की क्षमता हासिल कर सकता है, जबकि भारत के पास अभी तक कोई फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट नहीं है। AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन है। सूत्रों की मानें तो पाक एयरफोर्स की परफॉर्मेंस देखकर चीन डिलीवरी जल्द करने को तैयार हो गया है।

सवाल 3: क्या चीन और बांग्लादेश मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं?

3 फरवरी को बांग्लादेश ने ब्रिटिश काल के 6 बंद एयरबेस फिर से शुरू करने का फैसला लिया। इनमें लालमोनिरहट एयरबेस शामिल है – जो भारत की सीमा से महज 12-15 किलोमीटर दूर है। लालमोनिरहट से भारत के रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर की दूरी सिर्फ 135 किमी है – जो भारत के पूर्वोत्तर को शेष देश से जोड़ता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के अधिकारी इस एयरबेस का दौरा कर चुके हैं। कयास हैं कि चीन इसे मिलिटरी बेस में बदल सकता है – जो भारत के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

सवाल 4: क्या तुर्किये पाकिस्तान को S-400 से लड़ने की ट्रेनिंग दे रहा है?

तुर्किये और पाकिस्तान के बीच दशकों से सैन्य सहयोग रहा है। नेवी एक्सरसाइज, ट्रेनिंग और हथियारों की सप्लाई आम बात है। JNU के प्रो. राजन कुमार का मानना है, "तुर्किये पाकिस्तान को S-400 से बचने की ट्रेनिंग दे सकता है। वह कराची में अपना युद्धपोत तक खड़ा कर चुका है।" यह जानकारी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने अतीत में पाकिस्तान के सभी हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया है।

पाकिस्तान की बढ़ती सैन्य क्षमताएं, भड़काऊ बयानबाजी और चीन-तुर्किये के साथ उसके गहरे होते सैन्य संबंध भारत के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। इन गतिविधियों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पाकिस्तान भविष्य में किसी भी समय सैन्य चुनौती पेश कर सकता है। भारत को इन घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हुए अपनी रक्षा तैयारियों को लगातार मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके।

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