जालौर, राजस्थान: जालौर में बायोसा माता मंदिर के दर्शन को लेकर प्रशासन से हुई झड़प के बाद प्रसिद्ध भागवत कथा वाचक अभय दास महाराज ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। शनिवार को हुई घटना के बाद, महाराज एक घर की छत पर बैठे हैं और उन्होंने घोषणा की है कि जब तक राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित सभी मंत्री उनके साथ बायोसा माता मंदिर दर्शन करने नहीं जाते, वे अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे।
विवाद की जड़ और घटनाक्रम: अभय दास महाराज जालौर में 11 जुलाई से श्रावणमासीय कथा और समरसता चातुर्मास महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्होंने बायोसा माता मंदिर को 'संस्कृत पाठशाला' बताया था और कहा था कि इसे 'तोपखाना' भी कहा जाता है। उन्होंने दावा किया कि 10 साल पहले तक यहां गरबा होता था, लेकिन अब यह पाठशाला बंद पड़ी है और परिक्रमा के समय भी द्वार नहीं खुलता।
शनिवार को महाराज हजारों समर्थकों के साथ बायोसा माता मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे, तो पुलिस प्रशासन ने उन्हें मेन गेट पर रोक दिया। पुलिस को चकमा देकर निकलने का प्रयास करने पर पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उनके कार्यकर्ताओं, साथ ही 'सनातनी बालकों' को डंडे मारे।
महाराज ने बताया कि उन्होंने खुद डंडों पर लटक कर बच्चों को पिटने से बचाया। पुलिस के रोकने और हिरासत में लेने की कोशिश के बाद, महाराज शहर के बाजार से भागते हुए भीनमाल रोड, बाईपास होते हुए कालका कॉलोनी में जोग सिंह गुर्जर के मकान की छत पर जा बैठे।
आमरण अनशन और प्रमुख मांगें: महाराज अभय दास ने घोषणा की है कि वे इसी घर की छत पर अन्न-जल त्याग कर आमरण अनशन करेंगे। उनकी प्रमुख मांग है कि जब तक जालौर, पाली, सिरोही के सारे सनातनी उनके साथ बायोसा माता मंदिर नहीं जाते, प्रशासन अनुमति नहीं देता, और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं आकर उनके साथ बायोसा माता को प्रणाम नहीं करते, वे अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे।
उन्होंने चेतावनी दी है कि वे अपने प्राणों का त्याग कर देंगे। उनके साथ सैकड़ों माताएं और बालक भी अन्न-जल त्याग कर छत के आसपास बैठे हैं, जिन्होंने अनशन करने का संकल्प लिया है। समर्थकों का कहना है कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है।
प्रशासन और आयोजन समिति पर आरोप: महाराज ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उनका कहना है कि पुलिस ने उनके कपड़े फाड़े और उनके समर्थकों को डंडे मारे। उन्होंने आरोप लगाया कि जो पुलिस प्रशासन सुबह उनका स्वागत कर रहा था, वही 'आज उस शाहरुख खान के चेले बन के' उन्हें रोक रहा है, शाहरुख खान वह व्यक्ति है जिसने कल रात उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी और जिसे पुलिस ने जेल में डाला हुआ है।
अभय दास महाराज ने आयोजन समिति के सदस्यों पर भी धोखा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस समिति ने उन्हें यहां स्वागत करके बुलाया था, उसके 80% लोग मंच से गायब थे। उन्होंने समिति के सचिव कानाराम मेघवाल और बड़े 'धन्ना सेठों' पर आरोप लगाया कि वे उन्हें मंच से अकेला छोड़कर भाग गए।
उन्होंने जोगेश्वर गर्ग, जो आयोजन समिति के अध्यक्ष हैं, का भी उल्लेख किया, कहा कि अगर वे जालौर में होते तो उनके साथ ऐसा नहीं होता, क्योंकि वे जालौर से बाहर हैं।
राजनीतिक टिप्पणी और चेतावनी: महाराज ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनकी सरकार पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस भाजपा सरकार और भजनलाल शर्मा को वोट दिया था, लेकिन अब उन्हीं की सरकार के एसपी और कलेक्टर उन पर डंडे बरसा रहे हैं।
उन्होंने राजस्थान में 'योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री' होने की इच्छा व्यक्त की, यह कहते हुए कि अगर ऐसा होता तो सनातनियों पर डंडे नहीं पड़ते। उन्होंने भजनलाल शर्मा को अनशन स्थल पर आकर उनसे मिलने का आह्वान किया है।
महाराज ने सभी सनातनियों, विशेषकर राजस्थान (प्रतापगढ़, चित्तौड़, बाड़मेर, जालौर, पाली, सिरोही, जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, नागौर) और पूरे देश से जालौर 'कूच' करने का आह्वान किया है, ताकि सरकारों को सनातनियों की ताकत दिखाई जा सके। उन्होंने कहा कि यह राम का देश है, भगवान कृष्ण का देश है, और बायोसा माता का देश है।
उन्होंने 714 साल पहले जालौर में हुए जौहर का भी जिक्र करते हुए चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो सैकड़ों माताएं और हिंदू बालक सामूहिक रूप से जौहर करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास सभी फोन रिकॉर्डिंग और प्रमाण हैं, और अगर उनका मुंह खुलवाने की कोशिश की गई तो वे सभी नेताओं के नाम लेंगे जिन्होंने उनका साथ दिया था।
वर्तमान स्थिति: फिलहाल, पुलिस ने उस मकान को चारों ओर से घेर लिया है, जहां महाराज अभय दास अनशन पर हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। प्रशासन को आशंका है कि यह मामला सांप्रदायिक तनाव में बदल सकता है, जिसके कारण अधिकारी मुस्तैदी और समझदारी से मामले को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, आयोजन कमेटी भी महाराज को समझाने में जुटी हुई है।