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सीपी जोशी तो देवीसिंह भाटी वाले मामले में बोले भी थे, लेकिन क्या वे राजेन्द्र गुढ़ा और मदन दिलावर को अपना पक्ष रखने का मौका देंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी
भाटी को निलम्बित कर दस दिन बाद फिर से बहाल किया गया था। 1985 में कांग्रेस के मंत्री रामपाल उपाध्याय भी हटाए गए थे। यही नहीं 2011 में देश की पहली महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल पर राजनीतिक टिप्पणी के चलते मंत्री अमीन खान को हटाया गया
Jaipur | राजस्थान में महिलाओं के मुद्दे ऐसे विषय हैं, जिन पर विधायी सदनों में बर्खास्तगी या निलम्बन होता हैं सन 1983 में देवीसिंह भाटी को निलम्बित किया गया था। भाटी ने मुख्यमंत्री माथुर की बेटी के साथ बलात्कार वाली तख्ती लटकाकर सदन में प्रवेश किया था।
हालांकि उस मामले में सदन में दो दिन तक चर्चा हुई थी। भाटी को निलम्बित कर दस दिन बाद फिर से बहाल किया गया था। 1985 में कांग्रेस के मंत्री रामपाल उपाध्याय भी हटाए गए थे। यही नहीं 2011 में देश की पहली महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल पर राजनीतिक टिप्पणी के चलते मंत्री अमीन खान को हटाया गया और भंवरी देवी काण्ड में मंत्री महिपाल मदेरणा बर्खास्त किए गए थे। अब राजेन्द्र गुढ़ा को बर्खास्त किया गया है।
राजेन्द्र गुढ़ा और मदन दिलावर का मामला राजस्थान की राजनीतिक फिजाओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। हालंकि अमीन खान, उपाध्याय और देवीसिंह भाटी समेत अनेक मामलों में सदन में उनको अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है। सीपी जोशी तो देवीसिंह भाटी वाले मामले में बोले भी थे, लेकिन क्या वे राजेन्द्र गुढ़ा और मदन दिलावर को अपना पक्ष रखने का मौका देंगे या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।