लोकार्पण: राज्यपाल कलराज मिश्र ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के प्रथम चरण के निर्माण कार्यों और मुख्य द्वार का ऑनलाइन लोकार्पण किया मिश्र ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के प्रथम चरण के निर्माण कार्यों और मुख्य द्वार का ऑनलाइन लोकार्पण किया

राज्यपाल कलराज मिश्र ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के प्रथम चरण के निर्माण कार्यों और मुख्य द्वार का ऑनलाइन लोकार्पण किया मिश्र ने डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के प्रथम चरण के निर्माण कार्यों और मुख्य द्वार का ऑनलाइन लोकार्पण किया
राज्यपाल  कलराज मिश्र
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कलराज मिश्र ने विधि विश्वविद्यालय द्वारा कानून की सैद्धान्तिक ही नहीं बल्कि व्यावहारिक शिक्षा पद्धति पर कार्य किए जाने पर जोर दिया। विशेष रूप से उन्होंने भारतीय संविधान के संदर्भ में समानता, संप्रुभता और अखण्डता की सोच से जुड़ी कानूनी शिक्षा के प्रसार का आह्वान किया

जयपुर । राज्यपाल  कलराज मिश्र ने शुक्रवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय के प्रथम चरण के अंतर्गत विश्वविद्यालय में निर्मित 2 एकेडमिक भवन, एक प्रशासनिक भवन, छात्र—छात्राओं के हॉस्टल, नॉन टिचिंग स्टाफ क्वाटर, इन्टरनल रोड और मुख्य द्वार का लोकार्पण किया। दहमीकलां, जयपुर स्थित विश्वविद्यालय के स्थाई परिसर में निर्मित इन निर्माण कार्यों का उन्होंने राजभवन से ऑनलाइन लोकार्पण किया।

राज्यपाल   कलराज मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि संविधान सर्वोच्च है, उसमें निहित अधिकारों और कर्तव्यों के संतुलन से जोड़कर विधिक शिक्षा का प्रसार हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कानून के साथ समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, दर्शन, साहित्य और कलाओं आदि विषयों की शिक्षा भी विद्यार्थियों को मिले, इसके प्रयास हों। इसी से वे अच्छे कानूनवेता, न्यायाधीश और अधिवक्ता के रूप में भविष्य में अपनी पहचान बना पाएंगे।


कलराज मिश्र ने विधि विश्वविद्यालय द्वारा कानून की सैद्धान्तिक ही नहीं बल्कि व्यावहारिक शिक्षा पद्धति पर कार्य किए जाने पर जोर दिया। विशेष रूप से उन्होंने भारतीय संविधान के संदर्भ में समानता, संप्रुभता और अखण्डता की सोच से जुड़ी कानूनी शिक्षा के प्रसार का आह्वान किया।

राज्यपाल  कलराज मिश्र ने देश में राष्ट्रपति द्वारा मंजूर तीन नए कानून न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम की चर्चा करते हुए कहा कि  इनमें  सजा देने के बजाय न्याय देने पर अधिक ध्यान दिया गया है।  उन्होंने कहा कि इनके बारे में भी विद्यार्थी निरंतर अपडेट रहे, इसके लिए विश्वविद्यालय पाट्यक्रमों में नवाचार करे।

राज्यपाल  कलराज मिश्र ने कहा कि विधि शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थी वंचितों और महिलाओं के अधिकारों के लिए अपनी शिक्षा का अधिकाधिक उपयोग करें। उन्होंने कहा कि विधि शिक्षा प्रत्यक्षत: समाज से जुड़ी शिक्षा है।  इस क्षेत्र में देश की अदालतों के साथ ही विभिन्न कॉरपोरेट घरानों, कानून एजेंसियों, प्रशासनिक सेवाओं और कई अन्य क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं के नित्य नए रास्ते खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में विश्वविद्यालय गुणवत्ता की युगानुकुल  शिक्षा प्रदान करे।


इससे पहले विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निष्ठा जसवाल ने विधि शिक्षा के आलोक में नव निर्मित भवनों के लोकार्पण को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने बताया कि कुलाधिपति और राज्यपाल  मिश्र के मार्ग निर्देशन में विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को भरकर जल्द इसे देश का अग्रणी विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।

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