चित्तौड़गढ़ | शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले सरकारी स्कूल में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने गुरु-शिष्य की पवित्र परंपरा को कलंकित कर दिया है। चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार ब्लॉक के आजोलिया का खेड़ा ग्राम पंचायत स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सालेरा के संस्था प्रधान अरविंद व्यास पर गंभीर आरोप लगे हैं।
वीडियो में कैद हुई शर्मनाक हरकत
सूत्रों के अनुसार, विद्यालय परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में अरविंद व्यास की एक महिला शिक्षिका के साथ आपत्तिजनक हरकतें कैद हो गईं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का आरोप है कि संस्था प्रधान ने स्कूल को शिक्षा का स्थान न मानकर अपने व्यक्तिगत आनंद का स्थान बना लिया है।
ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने विद्यालय परिसर में इस घटना पर कड़ा विरोध जताया है और उच्च अधिकारियों से मांग की है कि आरोपी शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
संस्था प्रधान ने खुद को बताया निर्दोष
जब हमारी टीम ने आरोपी अरविंद व्यास से बात की, तो उन्होंने इस वीडियो को एक षड्यंत्र करार दिया। उनका कहना है कि उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई है। हालांकि, वीडियो में साफ तौर पर उनकी पहचान होने की बात पर उन्होंने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।
शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया का इंतजार
इस शर्मनाक घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या इस प्रकार के कलंकित शिक्षकों पर कोई सख्त कार्रवाई होती है।
समाज के लिए बड़ा संदेश
इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे बच्चों की शिक्षा सही हाथों में है? इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षकों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में शिक्षा की पवित्रता पर भी सवाल खड़े करती हैं।
— उदयपुर से चेतन कुमार की रिपोर्ट