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सीएम गहलोत के इस बयान से प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आया हुआ है। ऐसे में वसुंधरा राजे ने भी सीएम गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए इसे षड़यंत्र करार दिया है।
जयपुर | राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है।
दोनों पार्टी के नेता एक-दूसरे पर आरोपों के तीर छोड़ रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की तारीफ की है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की राजे और मेघवाल ने उनकी सरकार को गिरने से बचाया है।
सीएम गहलोत के इस बयान से प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा आया हुआ है। ऐसे में वसुंधरा राजे ने भी सीएम गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए इसे षड़यंत्र करार दिया है।
सीएम बोले- मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकता
मुख्यमंत्री गहलोत रविवार को धौलपुर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा, लेकिन वसुंधरा राजे की जमकर तारीफ की।
सीएम गहलोत ने वसुंधरा राज, कैलाश मेघवाल और शोभारानी कुशवाहा का ज्रिक करते हुए कहा कि कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे ने कांग्रेस सरकार को गिरने से बचाया है।
राजे और कैलाश मेघवाल ने कहा कि पैसे के बल पर सरकार को गिराने की हमारे यहां कभी परंपरा नहीं रही है।
ऐसे इन लोगों ने क्या गलत कहा और शोभारानी ने वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की बात सुनी। यह घटना मैं जिंदगीभर नहीं भूल सकता।
राजे ने कहा- ये सरासर झूठ है, षड़यंत्र है...
वहीं दूसरी ओर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सीएम गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए सरासर गलत बताया है।
उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं।
अपनी ही पार्टी में हो रही बग़ावत और सत्ता जाते देख बौखलाहट में उन्होंने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा जितना जीवन में अपमान गहलोत ने किया कोई कर ही नहीं सकता। उनके द्वारा मेरी तारीफ करना मेरे खिलाफ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है।
सीएम के बयान से नाराज वसुंधरा राजे, बोलीं- 'मेरा जितना अपमान अशोक गहलोत ने किया उतना...' https://t.co/Xx4YQXt3Cf
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) May 7, 2023
खरीद-फरोख्त के महारथी तो खुद ही गहलोत
राजे ने कहा कि सीएम तो खुद खरीद-फरोख्त के महारथी हैं। जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था। उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को।
उस समय चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे, पर यह भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ था।
लेकिन गहलोत ने अपने खरीद-फरोख्त के माध्यम से विधायकों की व्यवस्था कर दो-दो बार सरकार बनाई।