बॉलीवुड | अनु मलिक, जिनका पूरा नाम अनवर सरदार मलिक है, बॉलीवुड के एक प्रसिद्ध संगीत निर्देशक और गायक हैं। उन्होंने अपने करियर में कई हिट गाने दिए हैं और अपने अलग तरह के संगीत शैली के लिए जाने जाते हैं। यह लेख अनु मलिक के जीवन, उनके संगीत यात्रा, और उनके द्वारा दिए गए योगदान की एक झलक प्रदान करता है।
अनु मलिक का जन्म 2 नवंबर, 1960 को मुंबई में हुआ था। वे सरदार मलिक, एक प्रसिद्ध संगीत निर्देशक, के पुत्र हैं। उनके दो भाई भी संगीत के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, अबू मलिक और डब्बू मलिक। अनु ने अपनी शिक्षा मुंबई से ही पूरी की और संगीत की दुनिया में कदम रखने से पहले वे कई संघर्षों का सामना कर चुके थे।
अनु मलिक का संगीत करियर साल 1975 में शुरू हुआ जब उन्होंने फिल्म "हंटरवाली 77" के लिए एक गाना कंपोज किया। हालांकि, उनका पहला पूरा साउंडट्रैक 1981 में फिल्म "पूनम" के लिए आया। इसके बाद, उन्होंने विभिन्न फिल्मों में संगीत दिया, लेकिन उनकी पहचान बनी 1993 में फिल्म "बाजीगर" के साथ, जिसने उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार भी दिलाया।
अनु मलिक ने 90 के दशक में बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई, जहाँ उनके द्वारा कंपोज किए गए गाने जैसे "ये काली काली आँखें", "ऊँची है बिल्डिंग", और "गरम चाय की प्याली" ने दर्शकों के दिलों पर राज किया। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 'रिफ्यूजी' फिल्म के लिए और फिल्मफेयर पुरस्कार 'मैं हूँ ना' और 'बाजीगर' के लिए जीते।
अनु मलिक के करियर में कई उतार-चढ़ाव आए हैं। उन पर कई बार संगीत चोरी के आरोप लगे हैं, जिन्हें उन्होंने समय-समय पर अपने तरीके से संबोधित किया है। 2019 में, #MeToo आंदोलन के दौरान, उन पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप भी लगे, जिसके कारण उन्हें "इंडियन आइडल" छोड़ना पड़ा।
अनु मलिक ने अंजलि वसुदेव भट से शादी की है और उनकी दो बेटियाँ हैं, अनमोल मलिक और आदा मलिक। अनमोल खुद एक गायिका हैं, जिसने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए संगीत जगत में अपनी जगह बनाई है।
अनु मलिक का संगीत हमेशा से बॉलीवुड के दिल की धड़कन रहा है। उन्होंने संगीत की कई शैलियों को अपने संगीत में शामिल किया है, और तबला के उपयोग से उनके गाने ने एक अलग पहचान बनाई है। उनके गाने "चम्मा चम्मा" का उपयोग हॉलीवुड फिल्म "मूलिन रूज!" में भी किया गया था।
अनु मलिक बॉलीवुड में अपने विशिष्ट संगीत शैली और संगीत के प्रति समर्पण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। उनके संगीत ने लाखों दिलों को छुआ है और भारतीय फिल्म संगीत की विरासत में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।