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माउंट आबू में अवैध निर्माण का नया मामला – “फोटोज़ में देखिए पूरा सच”
Sirohi | राजस्थान का इकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू एक बार फिर अवैध निर्माण की मार झेल रहा है।
सिर्फ चार महीनों में अचलगढ़ के पास ओरिया पंचायत इलाके में एक रसूखदार का आलीशान भवन खड़ा हो गया।
हैरत की बात यह है कि इस दौरान प्रशासन को भनक तक नहीं लगी – या फिर उसने आंखें मूंद लीं।
फोटोज़ ने खोला राज
20 अप्रैल को पहली बार इस जमीन की तस्वीर खींची गई थी।
उसके बाद हर महीने की तस्वीरें बताती हैं कि कैसे धीरे-धीरे यह विशाल भवन खड़ा होता चला गया।
thinQ360 की टीम ने इन तमाम फोटोज़ को इकट्ठा कर पूरे मामले का खुलासा किया है।
माउंट आबू में अवैध निर्माण का बड़ा खेल: रसूखदारों की कोठियां, आम जनता पर रोक
आम जनता के लिए नियम इतने सख्त हैं कि कोई अपने घर की मरम्मत तक बिना अनुमति नहीं कर सकता।
लेकिन यहां चार महीने में पूरा महल बन गया और किसी ने सवाल तक नहीं उठाया।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
स्थानीय लोग आरोप लगा रहे हैं कि अफसरों और नेताओं की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा निर्माण संभव ही नहीं है।
उपखंड मजिस्ट्रेट डॉ. अंशु प्रिया की टीम ने इलाके का सर्वे किया था।
लेकिन आश्चर्य यह है कि इतना बड़ा भवन सर्वे रिपोर्ट में दर्ज ही नहीं किया गया।
अब सवाल उठ रहा है कि क्या एसडीएम को गुमराह किया गया या मामला दबाने की कोशिश हुई?
पर्यावरण पर खतरा
माउंट आबू में बेतहाशा निर्माण ने प्रकृति और वन्यजीवों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है।
भालू और पैंथर जैसी प्रजातियां इंसानी बस्तियों में घुसने लगी हैं।
स्थानीय लोग चेतावनी दे रहे हैं कि अगर अवैध निर्माण पर रोक नहीं लगी तो आने वाले वर्षों में माउंट आबू का पारिस्थितिक संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाएगा।
जनता का गुस्सा – “क्या नियम सिर्फ गरीबों के लिए?”
लोगों का कहना है कि जब वे अपने घर की एक दीवार पर ईंट लगाना चाहते हैं तो महीनों तक फाइलें अटकी रहती हैं।
लेकिन रसूखदार लोग महल बना लेते हैं और प्रशासन चुप रहता है।
बड़ा सवाल
क्या प्रशासन वाकई इस भवन पर कार्रवाई करेगा?
या फिर यह भी “माउंट आबू के अवैध निर्माणों की लंबी फेहरिस्त” में सिर्फ एक और उदाहरण बनकर रह जाएगा?