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राउज एवेन्यू कोर्ट ने राहुल गांधी को नया पासपोर्ट प्राप्त करने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन अदालत ने एनओसी को सामान्य 10 साल के बजाय 3 साल की अवधि के लिए ही वैध बनाते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए।
नई दिल्ली | कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष्य राहुल गांधी को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए नया पासपोर्ट बनाने की इजाजत दे दी है।
इसके लिए कोर्ट ने उन्हें अगले 3 साल के लिए एनओसी दे दी है।
दरअसल उनकी संसद सदस्यता जाने के बाद उन्होंने अपना राजनयिक पासपोर्ट सरेंडर कर अपने लिए साधारण पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया था।
इसके चलते राउज एवेन्यू कोर्ट कांग्रेस नेता राहुल गांधी और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के बीच कानूनी लड़ाई का अखाड़ा बन गया था।
दरअसल, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी को पासपोर्ट के मामले में एनओसी दिए जाने का यह कहते हुए विरोध किया था कि, नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी जमानत पर चल रहे हैं और इस केस में मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उनको पासपोर्ट बनने के लिए एनओसी नहीं दी जानी चाहिए।
स्वामी ने आगे कहा कि 10 साल की अधिकतम अवधि के लिए पासपोर्ट जारी करना, जैसा कि सामान्य नागरिकों को दिया जाता है, इस विशेष केस में उचित नहीं है।
भाजपा नेता ने 2019 में मंत्रालय के एक प्रश्न का जिक्र करते हुए राहुल गांधी की नागरिकता की स्थिति के बारे में भी सवाल उठाए, जहां राहुल से ब्रिटिश पासपोर्ट रखने के बारे में पूछा गया था।
स्वामी ने तर्क दिया कि भारतीय कानून व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से रोकता है यदि वे किसी अन्य देश में नागरिकता रखते हैं।
वहीं दूसरी ओर, राहुल के वकील ने अपने मुवक्किल के लिए एक नए पासपोर्ट की आवश्यकता की मांग करते हुए दलील दी कि राहुल गांधी ने अपनी संसदीय सदस्यता छोड़ने के बाद अपना राजनयिक पासपोर्ट भी सरेंडर कर दिया था।
इसलिए, वह किसी अन्य नागरिक की तरह ही एक साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के हकदार है।
अदालत की कार्यवाही में कई दिन लग गए क्योंकि दोनों पक्षों ने अपने साक्ष्य और प्रतिवाद प्रस्तुत किए। न्यायाधीश ने तर्कों पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद अंततः आज शुक्रवार को फैसला सुनाया।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने राहुल गांधी को नया पासपोर्ट प्राप्त करने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन अदालत ने एनओसी को सामान्य 10 साल के बजाय 3 साल की अवधि के लिए ही वैध बनाते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए।
राहुल गांधी के समर्थकों ने इसे एक जीत बताया है और कहा है कि अब उन्हें अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने की आजादी मिल गई है।
वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने कोर्ट के इस फैसले पर निराशा व्यक्त करते हुए निर्णय के संभावित प्रभावों के बारे में चिंता व्यक्त की।