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भाजपा आलाकमानों ने राजे की नाराजगी को भांपते हुए उन्हें परिवर्तन यात्रा की कमान सौंपी है। इसी बीच वसुंधरा राजे ने भी परिवर्तन यात्रा के आगाज से ठीक एक दिन पहले एक धार्मिक यात्रा निकालने का फैसला किया है।
जयपुर | राजस्थान की दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस बार भले ही विधानसभा चुनाव 2023 के लिए चेहरा आगे नहीं किया जा रहा हो, लेकिन पार्टी अब उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंप रही है।
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भारतीय जनता पार्टी 2 सितंबर से प्रदेश में परिवर्तन यात्रा (Parivartan Yatra ) निकालने जा रही है।
ऐसे में भाजपा आलाकमानों ने राजे की नाराजगी को भांपते हुए उन्हें भी इस यात्रा की कमान सौंपी है।
इसी बीच वसुंधरा राजे ने भी परिवर्तन यात्रा के आगाज से ठीक एक दिन पहले एक धार्मिक यात्रा निकालने का फैसला किया है।
राजे की परिवर्तन यात्रा से ठीक पहले अचानक एक दिवसीय धार्मिक यात्रा ने सियासी चर्चाओं को जन्म दे दिया है। उनकी इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
ये तो जग जाहिर है कि राजे धार्मिक प्रवृत्ति की हैं और खूब यात्राएं भी करती रहती हैं। इसी के साथ राजे प्रदेश में कई बार यात्राएं भी निकाल चुकी हैं।
चारभुजा मंदिर से होगी धार्मिक यात्रा की शुरूआत
ऐसे एक बार फिर से राजे धार्मिक यात्रा निकाल रही हैं जो 1 सितंबर यानि कल से शुरू होगी और उसकी शुरुआत राजसमंद जिले में स्थिति चारभुजा मंदिर से होगी।
बता दें कि इसी मंदिर से राजे ने साल 2013 और 2018 में भी यात्रा की शुरुआत की थी। अपनी इस यात्रा के दौरान राजे चारभुजा, नाथद्वारा और त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन करेंगी।
इसके लिए राजे शुक्रवार सुबह राजधानी जयपुर से हेलिकॉप्टर से रवाना होकर राजसमंद में चारभुजा मंदिर पहुंचेगी।
इसक दर्शन के बाद राजे हेलिकॉप्टर से ही नाथद्वारा पहुंचेंगी और भगवान श्रीनाथ जी के दर्शन कर सीधे बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन करने पहुंचेगी।
राजे अपने किसी भी बड़े काम से पहले त्रिपुरा सुंदरी माता के दर्शन करने जरूर जाती हैं।
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब राजे देव दर्शन यात्रा पर निकल रही हैं। इससे पहले भी राजे 4-5 बार देव दर्शन यात्रा कर चुकी हैं।