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नडाल की विरासत केवल उनके खिताबों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उनकी दृढ़ता, मेहनत और खेल भावना ने भी दुनिया भर के खिलाड़ियों को प्रेरित किया है। उनके जाने के बाद भी, उनकी यादें और उनके द्वारा निर्धारित मानक टेनिस के भविष्य के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
विश्व प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी राफेल नडाल ने अपने शानदार करियर को संन्यास की घोषणा के साथ विराम दिया है। 38 वर्षीय नडाल, जिन्हें क्ले कोर्ट का राजा कहा जाता था, ने अपना अंतिम प्रतियोगिता मैच नीदरलैंड के खिलाफ डेविस कप में खेला, जहाँ स्पेन को हार का सामना करना पड़ा।
नडाल ने 22 ग्रैंड स्लैम एकल खिताब जीते, जो उन्हें मार्गरेट कोर्ट, सेरेना विलियम्स और नोवाक जोकोविच के बाद चौथे सबसे अधिक ग्रैंड स्लैम जीतने वाला खिलाड़ी बनाता है। उनके करियर में 14 बार फ्रेंच ओपन की जीत शामिल है, जो एक रिकॉर्ड है। इसके अलावा, उन्होंने 2 बार विम्बलडन, 4 बार यूएस ओपन और 2 बार ऑस्ट्रेलियन ओपन भी जीता।
संन्यास की घोषणा
नडाल ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा, "टेनिस ने मुझे बहुत कुछ दिया है, और मैं हमेशा इस खेल का आभारी रहूँगा। मेरा मानना है कि अब यह समय है कि मैं अपने शरीर को आराम दूँ और एक नए अध्याय की शुरुआत करूँ।" इस घोषणा के साथ ही, टेनिस जगत में नडाल के खेल और उनके संघर्षों की कहानी को एक सुनहरे अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।
स्पेन के लिए अंतिम मैच
अपने अंतिम मैच में, नडाल ने स्पेन की तरफ से खेलते हुए पूरी ताकत से प्रदर्शन किया, लेकिन नीदरलैंड के सामने हार माननी पड़ी। मैच के बाद, उन्होंने अपने परिवार, टीम और प्रशंसकों को धन्यवाद कहा, जिन्होंने उनके सफर में उनका साथ दिया।
राफेल नडाल का नाम हमेशा टेनिस के इतिहास में उन चुनिंदा महान खिलाड़ियों में शामिल रहेगा, जिन्होंने गेम को अपने अनोखे अंदाज से खेला और दुनिया भर में प्रशंसकों का दिल जीता। टेनिस कोर्ट पर उनकी अनुपस्थिति कहीं गहरी महसूस होगी, लेकिन उनकी विरासत और प्रेरणा सदैव जीवित रहेगी।