गहलोत सरकार का मास्टरस्ट्रोक: चुनावों से पहले फिर खेला, 15 दिन के अंदर हर परिवार को रोजगार की गारंटी, जानें विधेयक की खास बातें

चुनावों से पहले फिर खेला, 15 दिन के अंदर हर परिवार को रोजगार की गारंटी, जानें विधेयक की खास बातें
Ashok Gehlot
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गहलोत सरकार के इस विधेयक से प्रदेशवासियों को मिनिमम आय की गारंटी दी जाएगी और ग्रामीण बेरोजगार से लेकर शहरी सभी को मिनिमम आय गांरटी के तहत रोजगार दिया जाएगा। इसके तहत शहर हो या गांव, काम खत्म होने के बाद एक हफ्ते के भीतर लोगों को मजदूरी देने की गारंटी दी गई है।

जयपुर | Rajasthan Minimum Income Guarantee Bill: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने विधानसभा चुनावों से पहले फिर से बड़ा खेला कर दिया है।

अब गहलोत सरकार ने विधानसभा में ‘राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023’ पेश किया है जो शुक्रवार को ध्वनि मत से पारित हो गया है।

गहलोत सरकार के इस विधेयक से प्रदेशवासियों को मिनिमम आय की गारंटी दी जाएगी और ग्रामीण बेरोजगार से लेकर शहरी सभी को मिनिमम आय गांरटी के तहत रोजगार दिया जाएगा। 

इसके तहत शहर हो या गांव, काम खत्म होने के बाद एक हफ्ते के भीतर लोगों को मजदूरी देने की गारंटी दी गई है।

मजदूरी का वेतन भी 15 दिन के अंदर ही मिलना तय किया गया है।

इसके लिए जॉब कार्ड रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार दिया जाएगा।

इसी के साथ अगर इलाके में 15 दिन के भीतर किसी को भी कोई काम नहीं मिल पाता है तो उसे हफ्ते के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा।

इस विधेयक के तहत बनाए गए नियमों की नियमित मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सलाहकार बोर्ड बनाने का भी फैसला भी लिया है।

इस न्यूनतम आय गारंटी योजना में राज्य सरकार की ओर से अधिसूचित महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम को शामिल करने के साथ ही वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन, विधवा एकल महिला के पात्र वर्गों को इसमें शामिल किया गया है।

ऐसे समझे क्या है न्यूनतम आय गारंटी विधेयक

गहलोत सरकार के आज विधानसभा में पारित हुए विधेयक के अनुसार...

- राज्य के सभी परिवारों को हर साल 125 दिनों के रोजगार की गारंटी।

- वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं और सिंगल महिलाओं को न्यूनतम 1,000 रुपये हर महीने पेंशन।

- इसके साथ ही पेंशन की राशि को हर साल 15 फीसदी की दर से बढ़ाया भी जा सकेगा। 

- गहलोत सरकार ने इस योजना के लिए 2500 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान रखा है। 

- इस कानून के दायरे में आने वालों की न्यूनतम उम्र 18 साल तक रखी गई है।

- इस बिल में 3 श्रेणियां बनाई गई है जिनमें न्यूनतम गारंटीकृत आय का अधिकार, गारंटीकृत रोजगार का अधिकार और गारंटीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार हैं।

- सरकार इस बिल के अनुसार, शहरों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत रोजगार देगी।

- वहीं, गांवों में महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी योजना के तहत इसमें जनता को रोजगार दिया जाएगा। 

- निर्धारित पात्रता के साथ वृद्धावस्था/विशेष रूप से विकलांग/विधवा/सिंगल महिला के साथ ही इस श्रेणी में आने वाला हर व्यक्ति पेंशन का हकदार होगा।

- इस पेंशन में हर साल में 2 बार बढ़ोतरी की जाएगी। वहीं जुलाई महीने में 5 फीसदी और जनवरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।

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