आरसीए चुनाव 2018 : चुनावों से ठीक पहले एक्टिव हुए रामेश्वर डूडी, किसान सम्मलेन कर दिखाएंगे सियासी ताकत, गहलोत खेमे में वापसी

चुनावों से ठीक पहले एक्टिव हुए रामेश्वर डूडी, किसान सम्मलेन कर दिखाएंगे सियासी ताकत, गहलोत खेमे में वापसी
rameshwar dudi
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Highlights

  • रामेश्वर डूडी ना केवल राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता है बल्कि बीकानेर जिले के समीकरणों को बड़े स्तर पर प्रभावित करते है
  • बीते दिनों से रामेश्वर डूडी खासे एक्टिव दिख रहे है और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनके रिश्तों में जमी बर्फ भी पिघल चुकी है
  • टिकिट वितरण को लेकर हुए पूरे ड्रामे के बीच डूडी तत्कालीन पीसीसी चीफ सचिन पायलट से भी काफी बार उलझ लिए थे.
  • अनदेखी से नाराज रामेश्वर डूडी ने RCA  चुनावों में अशोक गहलोत को चुनौती दे दी 

राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एक्टिव मोड में आ जाना नए सियासी समीकरणों को जन्म दे रहा है. रामेश्वर डूडी ना केवल राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता है बल्कि बीकानेर जिले के समीकरणों को बड़े स्तर पर प्रभावित करते है लेकिन पिछ्ला चुनाव हार जाने के कारण लगातार ठन्डे बस्ते में थे.बीते दिनों से रामेश्वर डूडी खासे एक्टिव दिख रहे है और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनके रिश्तों में जमी बर्फ भी पिघल चुकी है. 

रामेश्वर डूडी जब विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष थे तब सचिन पायलट पीसीसी चीफ हुआ करते थे और सीएम अशोक गहलोत AICC के बतौर महासचिव राजस्थान से बाहर पार्टी का काम देख रहे थे. डूडी और पायलट के लगातार राजस्थान में एक्टिव रहने से ना केवल रामेश्वर डूडी का राजनीतिक कद बढ़ा बल्कि सचिन पायलट के साथ उनकी एक बेहत्तर ट्यनिंग भी बैठ गई.

तभी विधानसभा चुनावों के दौरान अशोक गहलोत रामेश्वर डूडी को लेकर एक नया ट्विस्ट ले आए. एक मंच से गहलोत ने कहा कि रामेश्वर डूडी भी सीएम फेस है. इसके बाद डूडी के नाम पर नई संभावनाओं के साथ चर्चा होने लगी. लेकिन उससे भी बड़ा ट्विस्ट तब आया जब रामेश्वर डूडी खुद ही अपनी सीट नोखा से बिहारीलाल बिश्नोई के सामने चुनाव हार गए. 

रामेश्वर डूडी और अशोक गहलोत के रिश्तों की पड़ताल करने के लिए बीते विधानसभा चुनावों में लौटना पड़ेगा. जब डूडी विधानसभा में नेता-प्रतिपक्ष हुआ करते थे तो कांग्रेस में उनका बड़ा दखल था. टिकिट वितरण से लेकर हर जगह डूडी ने अपना दखल रखा. डूडी पिछले चुनाव मने कितने प्रभावी थे इस बात का अंदाजा यूं लगाया जा सकता है कि कन्हैया लाल झंवर को टिकिट दिलवाने के लिए उन्होंने आलाकमान तक को हिलाकर रख दिया.

बीकानेर पूर्व और पश्चिम के टिकिट को लेकर गजब का हंगामा हुआ. जब झंवर का टिकिट काटा गया तो डूडी ने ऐलान कर दिया कि वे खुद भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. आलाकमान पर इतना दवाब बन गया कि कन्हैया लाल झंवर को आखिर में टिकिट देना पड़ा. लेकिन जब रिजल्ट आए तो ना तो डूडी सीट बचगा पाए और ना ही कन्हैयालाल झंवर जिनके लिए डूडी ने पार्टी की ईंट से ईंट बजाकर रख दी थी. 

टिकिट वितरण को लेकर हुए पूरे ड्रामे के बीच डूडी तत्कालीन पीसीसी चीफ सचिन पायलट से भी काफी बार उलझ लिए थे. अपने आप को बतौर सीएम फेस देखने वाले डूडी खुद के समर्थको को टिकिट दिलवाने के लिए खूब उलझे लेकिन खुद की सीट गँवा देने के बाद ज्यादा कुछ बचा नहीं. 

चुनाव परिणाम के बाद राजस्थान में अशोक गहलोत की ताजपोशी हुई और रामेश्वर डूडी पूरी तरह से गहलोत सरकार में ठंडे बस्ते में डाल दिए गए. अपनी अनदेखी से नाराज रामेश्वर डूडी ने RCA  चुनावों में ना केवल अशोक गहलोत को चुनौती दे दी बल्कि उन्हें पुत्रमोह के कारण धृतराष्ट्र तक कह दिया था. उस वक्त अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत की खिलाफत करने के कारण राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने भी उनका समर्थन किया था.

RCA चुनावों में गहलोत के खिलाफ हुए रामेश्वर डूडी को चुनावों से ठीक पहले अब अशोक गहलोत ने साध लिया है और अब डूडी नोखा में एक किसान सम्मलेन आयोजित करने ज रहे है जिसमे अशोक गहलोत,गोविन्द सिंह डोटासरा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा सहित गहलोत गुट के विधायक शामिल होंगे. ऐसे में अब चर्चा फिर से है कि राजस्थान विधानसभा चुनावों से ठीक पहले रामेश्वर डूडी अशोक गहलोत खेमे की तरफ से एक्टिव हो गए है और इन चुनावों में डूडी की बड़ी भूमिका रहने वाले है. 


जाट महाकुम्भ से दिए थे बड़े संकेत 

रामेश्वर डूडी अब लगातार अपने आप को एक बड़े जाट नेता के टूर पर प्रजेंट करने में लगे हुए है. जयपुर में आयोजित जाट महाकुम्भ में रामेश्वर डूडी ने जाट सीएम की मांग करके एक बार फिर से नई बहस छेड़ दी थी. इस तरह का बयान देकर डूडी ने ना केवल जाट समाज में खुद की स्वीकार्यता बता दी बल्कि अपने आप को एक बड़े जाट नेता के टूर पर भी बखूबी प्रजेंट कर दिया.

न केवल जाट महाकुम्भ बल्कि रायपुर में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में उन्हें जिस तरह से स्पेस मिला वह यह बताने के लिए काफी है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में रामेश्वर डूडी की फिर से बड़ी भूमिका होने वाले है. 

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