एक्शन में पायलट : 6 मई को सचिन पायलट की बाड़मेर में जनसभा, गहलोत के मंत्री कर रहे है आयोजन, बाड़मेर से मिल सकता है अशोक गहलोत को बड़ा चेलेंज

6 मई को सचिन पायलट की बाड़मेर में जनसभा, गहलोत के मंत्री कर रहे है आयोजन, बाड़मेर से मिल सकता है अशोक गहलोत को बड़ा चेलेंज
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सचिन पायलट आने वाले 6 मई को एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाने वाले है. जिसके लिए उनकी टीम लगातार तैयारियां कर रही है. बताया जा रहा है कि इस दौरान बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम से पायलट एक बड़ी भीड़ को सम्बोधित करेंगे. 

राजस्थान सरकार में मंत्री और सचिन पायलट कैम्प के विधायक हेमाराम चौधरी इस इस आयोजन के मेजबान होंगे जिसमे शिरकत करने के लिए सचिन पायलट बाड़मेर जाएंगे. 

खेतड़ी की जनसभा के बाद यह सचिन पायलट की पहली जनसभा होगी. ऐसे में सचिन पायलट की टीम इस आयोजन के लिए जोर-शोर से तैयारियों में जुटी हुई है. 

गहलोत सरकार में मंत्री हेमाराम चौधरी ने अपने प्रयास से बाड़मेर में एक विशाल हॉस्टल भवन का निर्माण करवाया है. जिसका उद्घाटन 6 मई को किया जाएगा. इस प्रयास के लिए ना केवल बाड़मेर बल्कि पूरे राजस्थान में हेमाराम चौधरी को तारीफ मिल रही रही है. 

वैसे तो यह एक हॉस्टल भवन का उद्घाटन कार्यक्रम है लेकिन सचिन पायलट के शामिल होने कारण इस आयोजन के बड़े सियासी मायने निकाले जा रहे है. और बीकानेर के जसरासर में किसान सभा में अशोक गहलोत के शामिल होने के बाद इस आयोजन को सचिन पायलट का एक मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है. 

गौरतलब है कि हालही में दिग्गज कांग्रेसी नेता रामेश्वर डूडी द्वारा आयोजित किसान सम्मलेन में सूबे के मुखिया अशोक गहलोत सहित पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा शामिल हुए थे. 

इस किसान सम्मलेन में अशोक गहलोत के शामिल होने को चुनावों से पहले जाट वोटबैंक साधने के लिए एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा था. क्योकि रामेश्वर डूडी जाट समाज के बड़े नेता गिने जाते है. साथ ही माना तो यह भी जा रहा था कि गहलोत और डूडी के रिश्तों में जमी बर्फ अब पिघल चुकी है. क्योकि खुद रामेश्वर डूडी आरसीए चुनावों के दौरान अशोक गहलोत पर लगातार मुखर रहे थे. 

ऐसे में बाड़मेर के बड़े जाट नेता हेमाराम चौधरी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सचिन पायलट का शामिल होना ना केवल जाट वोटबैंक साधने के लिए एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है बल्कि इसे अशोक गहलोत की जसरासर किसान सभा का काउंटर भी कहा जा रहा है. 

बाड़मेर में अशोक गहलोत की राह आसान नहीं 

6 मई को बाड़मेर में आयोजित इस समारोह पर पूरे राजस्थान की नजर रहने वाली है. क्योकि बाड़मेर के अगर सियासी समीकरणों की बात की जाए तो वहां अशोक गहलोत के लिए हालत बहुत ज्यादा ठीक नहीं है. 

बाड़मेर में जाट समाज सबसे बड़े वोटबैंक में गिना जाता है. और जाट समाज से ही आने वाले दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी लगातार सचिन पायलट के समर्थन में आवाज उठाते रहे है. वही बायतु के विधायक हरीश चौधरी भी OBC आरक्षण के मुद्दे पर अशोक गहलोत पर लगातार हमलावर रहे थे. 

हेमाराम चौधरी और हरीश चौधरी ना केवल बाड़मेर की राजनीति के बड़े क्षत्रप है बल्कि वहां के वोटबैंक पर भी अच्छा-ख़ासा प्रभाव रखते है. साथ ही कांग्रेस के दूसरे नेता मानवेन्द्र सिंह जसोल राजपूत समाज से आते है जिन्हे अशोक गहलोत के कोई बहुत ज्यादा करीब नहीं माना जाता. 

राजपूत समाज भी बाड़मेर का बड़ा वोटबैंक है और ओपिनियन मेकर कम्युनिटी होने के कारण पूरे जिले के समीकरणों को प्रभावित करती है. स्वाभिमान के नाम पर भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए मानवेन्द्र सिंह को लेकर राजपूत समाज में कांग्रेस से नाराजगी है कि कांग्रेस में मानवेन्द्र सिंह को उचित सम्मान नहीं दिया गया. 

वहीं अशोक गहलोत समर्थक विधायक मेवाराम जैन और मदन प्रजापत हालाँकि अपने क्षेत्र में मजबूत जरूर है लेकिन ये दोनों ही न तो ऐसी कम्युनिटी से आते है जिनका बहुत बड़ा वोटबैंक बाड़मेर में हो और ना ही ये दोनों नेता पूरे जिले की राजनीति को बड़े स्तर पर प्रभावित करते है. 

ऐसे में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार सरकार रिपीट का दावा कर रहे है तो बाड़मेर के सियासी समीकरण उनके लिए एक बड़ा चेलेंज खड़ा कर सकते है. 

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