सिरोही में शराबखोरों की मौज : अवैध रूप से दारू बेचकर भजनलाल सरकार को ठेंगा दिखाते ठेकेदार

अवैध रूप से दारू बेचकर भजनलाल सरकार को ठेंगा दिखाते ठेकेदार
सिरोही में रात आठ बजे बाद शटर के नीचे से शराब लेते लोग
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Highlights

रातभर बेखौफ शराब बिक्री... पुलिस का डर नहीं, आबकारी की सील भी तोड़ डाली

सख्ती के बावजूद जिला मुख्यालय पर भी ठेकेदारों में कोई डर नहीं, गांवों के हालात बदत्तर

मीडिया में अवैध शराब बिक्री का मुद्दा सुर्खियां बना तो दिखावे की कार्रवाई, फिर ढाक के तीन पात

सिरोही | सिरोही। जिले में अवैध शराब बिक्री का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी शराब ठेकों पर धड़ल्ले से अवैध शराब की बिक्री जारी है, और ठेकेदारों में न पुलिस का भय है, न ही आबकारी विभाग का। आलम यह है कि जिला मुख्यालय पर, जहां खुद पुलिस कप्तान कार्यरत हैं, रातभर शराब बेची जा रही है।

आबकारी विभाग ने कुछ दिन पहले ही अवैध खिड़कियों और शटरों को सील किया था, लेकिन इन्हें तोड़कर शराब बिक्री फिर से शुरू हो गई है। ऐसी घटनाएं साफ तौर पर दर्शाती हैं कि प्रशासनिक सख्ती केवल दिखावे तक सीमित है।

जिला मुख्यालय पर हालात बदतर, गांवों में स्थिति और भी खराब

मुख्यालय पर खुलेआम शराब बिक्री से ग्रामीण इलाकों के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। गांवों में अवैध शराब का कारोबार बेखौफ तरीके से चल रहा है, और प्रशासन इसे रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। थिंक 360 ने इस मामले को पहले भी उजागर किया था। इसके बाद एकबारगी लगाम लगी, लेकिन फिर से वही खेल चालू हो गया है।

शहर में ये ठेके बने अवैध बिक्री के केंद्र

रात 8 बजे के बाद सिरोही शहर में शराब की अवैध बिक्री बढ़ जाती है। टीम ने जब पड़ताल की, तो पाया कि शाहजी की बाड़ी के पास गायत्री होटल के सामने, भाटकड़ा चौराहे पर, और अनादरा चौराहे के पास निजी बिजली प्लांट के समीप ठेकों पर अवैध बिक्री खुलेआम हो रही थी।

सील किए गए शटर और खिड़कियां फिर से खोल दी गई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ठेकेदारों को कार्रवाई का कोई डर नहीं है।

होटल और ढाबों पर भी धड़ल्ले से शराब की परोसी जा रही है

ठेकों पर हुई सख्ती के बाद होटल और ढाबों पर शराब की अवैध बिक्री बढ़ गई है। गोयली चौराहे से सारणेश्वरजी अंडरब्रिज तक कई ढाबों पर मोटे दामों पर शराब परोसी जा रही है।

ये स्थान शराब की पार्टियों का अड्डा बन गए हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रशासन की निष्क्रियता का फायदा उठा रहे ठेकेदार

शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत के बिना यह धंधा इतने बड़े पैमाने पर संभव नहीं है। ठेकेदारों का हौसला इस बात से और बढ़ जाता है कि कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित रहती है। यदि दोनों विभाग ईमानदारी से काम करें, तो यह समस्या एक दिन में खत्म हो सकती है।

अवैध शराब बिक्री पर सख्ती दिखाने वाले अधिकारियों को चाहिए कि वे ठोस और सतत कार्रवाई करें, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके। फिलहाल, जिले में हालात जस के तस बने हुए हैं, और अवैध शराब की बिक्री के मामले में सिरोही बदनाम हो रहा है।

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