सिरोही में नकली खाद घोटाला: किसानों से खुला धोखा, भारतीय किसान संघ का आरोप – अधिकारियों की मिलीभगत

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Highlights

  • नकली खाद के बैग पर सरकारी योजना का लोगो लगाया गया।

  • अधिकारियों की मिलीभगत से यह खाद सहकारी समितियों के गोदाम तक पहुंची।

  • किसान इसे सरकारी मानकर खरीदते रहे और ठगे गए।

सिरोही। किसानों को राहत देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक योजना अब खुद किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना की आड़ में कुछ निजी कंपनियां किसानों को नकली खाद बेच रही हैं और अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा बेखौफ़ जारी है।

???? किसानों से लूट का हिसाब
जानकारी के अनुसार, सिरोही जिले में हलदर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी नामक कंपनी ने “भारत प्रोम” नाम से ऑर्गेनिक खाद के बैग बाजार में उतारे। इन बैगों पर प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक योजना का लोगो लगाकर किसानों को यह भरोसा दिलाया गया कि यह सरकारी सब्सिडी वाली खाद है।
लेकिन हकीकत यह है कि—
असली सब्सिडी दर: ₹250–₹300 प्रति बैग
कथित नकली खाद की दर: ₹1300–₹1350 प्रति बैग
एक बैग पर नुकसान: ₹1000 से अधिक
किसान समितियों पर भरोसा कर इस खाद को सरकारी समझकर खरीद रहे हैं।

⚠️ धोखाधड़ी का तरीका
नकली खाद के बैग पर सरकारी योजना का लोगो लगाया गया।
अधिकारियों की मिलीभगत से यह खाद सहकारी समितियों के गोदाम तक पहुंची।
किसान इसे सरकारी मानकर खरीदते रहे और ठगे गए।
शिकायत मिलने पर कृषि विभाग ने कुछ समितियों से बैग ज़रूर जब्त किए, लेकिन किसानों का आरोप है कि कार्रवाई सिर्फ दिखावा रही। न तो जब्त खाद का खुलासा हुआ और न ही दोषियों पर ठोस कार्रवाई की गई।

???? किसान संघ की चेतावनी
भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष मावाराम चौधरी ने कहा:
“यह किसानों के साथ खुला धोखा है। 250 रुपये की खाद 1300 रुपये में बेचना किसानों की लूट है। कृषि अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है। यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो किसान आंदोलन करेंगे।”

संघ ने जिला कलेक्टर और एडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए चार बड़ी मांगें रखीं:

  1. नकली खाद बेचने वाली कंपनियों का नाम उजागर किया जाए।
  2. जब्त किए गए खाद के बैग सार्वजनिक रूप से दिखाए जाएं।
  3. दोषी अधिकारियों और कंपनी मालिकों पर मुकदमा दर्ज हो।
  4. किसानों को असली सब्सिडी खाद तुरंत उपलब्ध कराई जाए।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक विस्तार शंकरलाल मीणा ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। दो-तीन जगहों पर कार्रवाई की गई है और फिलहाल बिक्री बंद करवाई गई है। जब्त खाद की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। यह मामला सिर्फ सिरोही ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के किसानों के लिए चिंता का विषय है। यदि अधिकारियों और कंपनियों की मिलीभगत साबित होती है तो यह किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा साबित होगा। किसान संगठन आंदोलन की चेतावनी दे चुके हैं और अब सबकी निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

Report by :  Manoj Sharma Sheoganj

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