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मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित करने के बाद जयपुर हेरिटेज नगर निगम में मेयर का पद खाली हो गया है। ऐसे में अब सरकार ने कार्यवाहक मेयर के नाम को लेकर भी मंथन शुरू कर दिया है।
जयपुर | जयुपर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर राज्य सरकार द्वारा मेयर और पार्षद पद से निलंबित होने के बाद एक बार फिर से कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
वहीं, मुनेश गुर्जर को पद से निलंबित करने के बाद जयपुर हेरिटेज नगर निगम में मेयर का पद खाली हो गया है।
ऐसे में अब सरकार ने कार्यवाहक मेयर के नाम को लेकर भी मंथन शुरू कर दिया है।
संभावना जताई जा रही है कि सरकार निर्दलीय पार्षद राबिया गुडएज या कुसुम यादव में से किसी एक को मेयर की कुर्सी पर बैठा सकती है।
इन दो नामों के अलावा किशनपोल से कांग्रेस से जीतने वाली नसरीन बानो का नाम भी चर्चा में है।
मुनेश गुर्जर भी कोर्ट जाने की तैयारी में
गौरतलब है कि रिश्वत प्रकरण में उनके पति सुशील गुर्जर का नाम सामने आने के बाद से मेयर मुनेश गुर्जर भी बराबर मुसीबत में उलझी हुई हैं।
मुनेश के पति सुशील गुर्जर को 4 अगस्त को एसीबी ने रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सरकार ने मुनेश गुर्जर को 5 अगस्त को पद से निलंबित किया था।
हालांकि हाई कोर्ट में अर्जी लगाकर मुनेश ने फिर से मेयर का पद संभाल लिया था, लेकिन उन्हें अन्य मामले की जांच में दोषी पाए जाने और उनके मेयर पद पर रहने से कार्यवाही प्रभावित होने के चलते एक बार फिर से सस्पेंड कर दिया गया है।
ऐसे में मुनेश ने भी वापस कोर्ट की राह पकड़ने की ठान ली है। संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार को कोर्ट खुलने के बाद मुनेश सरकार के इस आदेश को चुनौती देंगी।
सरकार कर रही कैविएट लगाने की तैयारी
वहीं, राज्य सरकार भी अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में कैविएट लगाने की तैयारी में जुटी हुई है।
सरकार ने मुनेश गुर्जर को रिश्वत प्रकरण और घर पर पट्टों की फाइल के मामले में निलंबित किया है।
सरकार की ओर से जांच में मुनेश गुर्जर को पद का दुरूपयोग करने, रिश्वत के लिए पट्टों की फाइलों को रोकने का दोषी माना है।