Bollywood: सुष्मिता सेन जीवन के हर मोड़ पर जीतने वाली महिला

सुष्मिता सेन जीवन के हर मोड़ पर जीतने वाली महिला
Sushmita Sen
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Highlights

  • सुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर भारत को गर्वित किया और यह खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

  • उन्होंने दो बेटियों को गोद लेकर सिंगल मदर के रूप में समाज के रूढ़िवादी सोच को चुनौती दी और महिला सशक्तिकरण की एक अद्भुत मिसाल पेश की।

  • 'बीवी नंबर 1', 'मैं हूँ ना', और वेब सीरीज 'आर्या' जैसी हिट परियोजनाओं के जरिए सुष्मिता ने अपने बहुआयामी अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।

Jaipur | सुष्मिता सेन, जो 19 नवंबर 1975 को हैदराबाद में पैदा हुईं, भारतीय सिनेमा का एक प्रतिष्ठित नाम हैं। 1994 में मिस यूनिवर्स का ताज पहना, उन्होंने भारत को गौरवान्वित किया और इस प्रतियोगिता में जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनके करियर और व्यक्तिगत जीवन दोनों ही उनके साहस, स्वतंत्रता और महिला सशक्तिकरण के प्रतीक हैं।

सुष्मिता का परिवार एक बंगाली सेन परिवार से आता है। उनके पिता शुभीर सेन भारतीय वायु सेना में एक विंग कमांडर थे। अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान, सुष्मिता ने अलग-अलग स्थानों पर पढ़ाई की, लेकिन ज्यादातर दिल्ली के एयर फोर्स स्कूलों में। उनकी शिक्षा हिंदी माध्यम में हुई, जिसके कारण उन्होंने 16 वर्ष की उम्र तक अंग्रेजी नहीं बोली थी। बाद में उन्होंने अंग्रेजी और पत्रकारिता में डिग्री हासिल की।

  Sushmita Sen

फिल्मी दुनिया में उनकी शुरुआत 1996 में फिल्म 'दस्तक' से हुई, जहाँ उन्होंने खुद के एक काल्पनिक संस्करण की भूमिका निभाई। 1999 में, उन्हें फिल्म 'बीवी नंबर 1' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला, जिसमें उन्होंने एक मॉडल का किरदार निभाया।

सुष्मिता ने महिला सशक्तिकरण और बाल अधिकारों के लिए कार्य किया है। उन्होंने 2000 में रेनी और 2010 में अलीसाह नाम की दो लड़कियों को गोद लिया, जिससे वे एकल माँ होने की भूमिका में आईं और समाज में इस पहलू को स्वीकार्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया

उन्होंने अपने करियर में कई सफल फिल्में दीं जैसे 'आंखें' (2002), 'मैं हूँ ना' (2004), और 'मैंने प्यार क्यों किया?' (2005)। हालांकि, उनका करियर कुछ वर्षों के लिए सुस्त रहा लेकिन 2020 में 'आर्या' वेब सीरीज के साथ उन्होंने वापसी की और इसके लिए उन्हें फिल्मफेयर ओटीटी अवार्ड भी मिला।

सुष्मिता सेन को उनके मुखर व्यक्तित्व और जीवन के प्रति उनके अलग नजरिए के लिए जाना जाता है। उन्होंने हमेशा सामाजिक मानकों से भिन्न होकर जिया है, चाहे वह उनका व्यक्तिगत जीवन हो या पेशेवर। उनकी कहानी से प्रेरणा लेते हुए, कई लोगों ने अपने जीवन के प्रति एक नई सोच विकसित की है।

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