भक्ति रस में डूबी राजे: वसुंधरा राजे पहुंची देवभूमि, हवन में दी आहुति, साधु-संतों से लिया आशीर्वाद

वसुंधरा राजे पहुंची देवभूमि, हवन में दी आहुति, साधु-संतों से लिया आशीर्वाद
Vasundhara Raje in Rishikesh
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भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे उत्तराखंड राज्य की धार्मिक यात्रा पर हैं। राजे ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर की है जिसमें वे हवन में बैठी दिख रही हैं और स्वामी चिदानंद जी महाराज के पैर छूकर आशीर्वाद ले रही हैं। 

जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और प्रदेश पूरी तरह से चुनावी माहौल में रंग चुका है। 

भाजपा-कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर पूरे शबाब पर हैं, तो वहीं दोनों ही पार्टियों में सीएम फेस को लेकर भी अंदरूनी टकराव की खबरें सामने आ ही जाती है।

लेकिन इन सबसे परे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों उत्तराखंड राज्य की धार्मिक यात्रा पर हैं।

उन्होंने खुद इस बात की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ट्विटर हैंडल पर दी है।

पूर्व सीएम राजे ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें भी शेयर की है जिसमें वे हवन में बैठी दिख रही हैं और स्वामी चिदानंद जी महाराज के पैर छूकर आशीर्वाद ले रही हैं। 

अब ये आशीर्वाद राजस्थान में भाजपा की जीत के लिए है या फिर एक बार खुद के सीएम फेस के लिए ये तो वे ही जाने।

खैर! पूर्व सीएम राजे ने तस्वीरों के साथ कैप्शन में लिखा है कि- भगवान शिव की नगरी ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम में स्वामी चिदानंद जी महाराज का सान्निध्य प्राप्त हुआ। 

जहां नित्य होने वाले हवन अनुष्ठान में आहुति देने का सौभाग्य मिला तथा गुरुजी व अन्य संतों का आशीर्वाद भी लिया।

राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हो रही उथल-पुथल के बीच राजे की ये यात्रा राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बनी हुई है। 

लोगों का तो कहना है कि अक्सर चुनावों से पहले राजनेताओं में भक्तिभाव जाग उठता है और वे अपने गुरू, साधु-संतों और भगवान की शरण में जाते दिखाई देते हैं। 

लेकिन हम आपको बताते हैं कि, ऐसा नहीं है। वसुंधरा राजे इससे पहले भी दिसंबर 2022 में देवभूमि पहुंची थी, तब कोई चुनाव नहीं होने वाले थे।

उस दौरान भी उन्होंने हरिद्वार और ऋषिकेश में मां गंगा मैया की आरती की थी। 

तब भी पूर्व सीएम राजे ने स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के साथ कई और गुरूओं का आशीर्वाद लिया था। 

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