jalore: जालौर लोकसभा क्षेत्र में नेशनल हाईवे से को लेकर सांसद लुम्बाराम चौधरी की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात

जालौर लोकसभा क्षेत्र में नेशनल हाईवे से को लेकर सांसद लुम्बाराम चौधरी की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात
Lumbaram Choudhary Meet Nitin Gadkari in Delhi
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दिल्ली, 24 जुलाई। जालौर-सिरोही-सांचौर के सांसद लुम्बाराम चौधरी ने बुधवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने गुलाबगंज से माउंट आबू तक 23 किमी लंबी सड़क के निर्माण, झेरडा-मंडार-रेवदर-सिरोही के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण और जालोर जिला मुख्यालय को सिरोही जिला मुख्यालय से नेशनल हाईवे से जोड़ने के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।

सांसद लुमाराम चौधरी ने अपने पत्र में बताया कि सिरोही जिले का मंडार-सिरोही स्टेट हाईवे अति महत्वपूर्ण है। यह गुजरात के डीसा-धानेरा राष्ट्रीय राजमार्ग-168ए झेरडा से सिरोही राजमार्ग बाया मंडार, रेवदर होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-62 से मिल जाता है। इस मार्ग पर मंडार और रेवदर दो घनी आबादी वाले शहर हैं, जहां दिन में ट्रैफिक जाम की समस्या होती है।

अतः इन शहरों के पास बाईपास की आवश्यकता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली की अधिसूचना 5 सितम्बर 2014 के तहत यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-168 में प्रस्तावित है, जिसकी संविदा अवधि अक्टूबर 2022 को समाप्त हो गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि झेरडा-मंडार-सिरोही राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण शीघ्र करवाया जाए।

उन्होंने माउंट आबू की समस्या पर भी प्रकाश डाला, जो राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल है। वर्तमान में माउंट आबू जाने के लिए केवल एक ही सड़क मार्ग है, जो आबूरोड से माउंट आबू जाता है। इस पहाड़ी मार्ग पर दुर्घटना होने और वर्षा ऋतु में चट्टाने खिसकने से सड़क पर आवागमन बंद हो जाता है, जिससे माउंट आबू का सड़क संपर्क टूट जाता है।

आबूरोड से माउंट आबू सड़क मार्ग पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इसका चौड़ीकरण भी संभव नहीं है। इसके लिए एकमात्र वैकल्पिक मार्ग माउंट आबू से गुलाबगंज सड़क है, जो आज से 30 वर्ष पूर्व अकाल राहत योजना में ग्रेवल सड़क के रूप में सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित की गई थी। इसका निर्माण होने से पर्यटकों को आने-जाने में सुविधा होगी।

सांसद चौधरी ने बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में सिरोही, जालोर, और सांचौर के 10 जिले शामिल हैं, जो आपस में सामरिक महत्व के होने के बावजूद नेशनल हाईवे से जुड़े नहीं हैं। इन जिलों में ग्रेनाइट की कई खदानें हैं, जिनसे भारी वाहनों के माध्यम से ग्रेनाइट का परिवहन देशभर में होता है।

साथ ही बाड़मेर से जिप्सम का परिवहन सिरोही और उदयपुर के आसपास की सीमेंट फैक्ट्रियों में रोजाना होता है। इस सड़क के नेशनल हाईवे बनने से सिरोही जिले के एनएच 62 और जालोर जिला मुख्यालय से गुजरने वाले एनएच 325 जुड़ जाएंगे। सिरोही-जालोर सड़क की दूरी मात्र 74 किमी है और यह सड़क मार्ग 2 लेन में बना हुआ है।

सांसद चौधरी ने जोर देकर कहा कि जालोर-सिरोही दोनों जिले धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, जहां देशभर से लोग बड़ी संख्या में सुधा माताजी, योगीराज श्री शांतिशूरी जी मंदिर, माण्डौली, 72 जिनालय भीनमाल, आपेश्वर महादेव मंदिर रामसीन, जालोर फोर्ट, जहाज मंदिर माण्डवला, श्री सारणेश्वर महादेव मंदिर सिरोही समेत अनेक प्राचीन धार्मिक स्थलों पर आते हैं। इसलिए जालोर जिला मुख्यालय और सिरोही जिला मुख्यालय को नेशनल हाईवे से जोड़ा जाना अत्यावश्यक है।

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